जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : नई सैन्य भर्ती योजना अग्निपथ के खिलाफ राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा कि भविष्य में हम एक ऐसे परिदृश्य की ओर बढ़ रहे हैं जहां अदृश्य दुश्मनों के खिलाफ संपर्क रहित युद्ध होंगे और देश को एक युवा फिट और चुस्त की जरूरत है। अजीत डोभाल ने बेहद ही जरूरी बताते हुए कहा है कि ये योजना अब वापस नहीं होगी।
डोभाल ने इंटरव्यू में कहा कि, पूरा युद्ध एक महान परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। हम संपर्क रहित युद्धों की ओर जा रहे हैं और अदृश्य दुश्मन के खिलाफ युद्ध की ओर भी जा रहे हैं। प्रौद्योगिकी तीव्र गति से आगे बढ़ रही है। अगर हमें कल की तैयारी करनी है, तो हमें बदलना होगा। ग्निपथ कोई ‘स्टैं डअलोन’ योजना नहीं है। उन्होंलने योजना से जुड़ी कई भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की। डोभाल ने कहा कि ‘सेना में चार साल बिताने के बाद अग्निवीर जब वापस जाएगा तो वह स्किल्डु और ट्रेन्डक होगा। वह समाज में सामान्य नागरिक की तुलना में कहीं ज्याददा योगदान कर पाएगा। डोभाल ने कहा कि ‘अग्निवीर कभी पूरी सेना तो बनेंगे नहीं। जो अग्निवीर रेगुलर आर्मी में जाएंगे, उनकी कड़ी ट्रेनिंग होगी, अनुभव हासिल करने के लिए वक्तज मिलेगा।’
डोभाल ने कहा कि ‘पहला अग्निवीर जब रिटायर होगा तो 25 साल का होगा। उस वक्तत भारत की इकनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की होगी। अजीत डोभाल ने कहा कि जो हम कल कर रहे थे, अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं। यदि हमें कल की तैयारी करनी है, तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा। ये योजना इसलिए आवश्यक है क्योंकि भारत में, भारत के चारों तरफ माहौल बदल रहा है। अग्निपथ योजना पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता देश की सुरक्षा है।
अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 8 सालों में स्ट्रक्चरल सुधार बहुत सारे हुए हैं।25 साल से सीडीएस का मुद्दा पड़ा हुआ था। राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण इसको अमल में नहीं लाया जा सका था। आज हमारे डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी है। आज भारत में बनी एके-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल को सेना में शामिल किया जा रहा है। अजीत डोभाल ने आगे कहा कि जो दूसरा वर्ग है, उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब है। वे समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। वे ट्रेन जलाते हैं, पथराव करते हैं, प्रदर्शन करते हैं। वे लोगों को भटकाना चाहते हैं।