जनजीवन ब्य़ूरो
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही नरेंद्र मोदी नेपाल को अहमियत देते हुए नेपाल के दौरे पर गए थे। उसी तर्ज पर नेपाल के उप प्रधानमंत्री कमल थापा कुर्सी संभालने के एक सप्ताह के अंदर भारत आ रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने संवाददाताओं को बताया कि थापा की यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना है।
उन्होंने कहा कि कमल थापा 17 अक्तूबर को दिल्ली आएंगे और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात करेंगे। थापा की यात्रा पूरी तरह दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए हो रही है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच आपसी मामलों को लेकर चर्चा होगी।
विकास ने इस बात को दोहराया कि नेपाल के आंतरिक मामले में भारत किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा। नेपाल से बेहतर संबंध बनाए रखने के लिए भारत हमेशा से प्रयास किया है। संबंध को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो बार नेपाल की यात्रा कर चुके हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी नेपाल का दौरा कर चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि नेपाल के नौ प्रवेश मार्ग पर पांच हजार से ज्यादा ट्रक खड़े हैं। नेपाल में आंदोलन चल रहा है जिसके कारण कोई भी ट्रक लेकर अंदर नहीं जाना चाहता है, क्योंकि सुरक्षा की समस्या है।
विकास स्वरूप ने भारतीय सेंटीमेंट जगाने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि इसे जगाने वाला कौन है। वहां की सरकार और व्यवस्था के कारण लोगों में यह भावना जगी है न कि भारत के कारण। भारत हमेशा से शांति और सुरक्षा का पक्षधर रहा है।
नेपाल में नाकेबंदी के कारण आवश्यक वस्तुओं के परिवहन पर बुरी तरह प्रभाव पड़ा है, विशेषकर इंर्धन पर। इंडियन आयल कार्पोरेशन एवं नेपाल आयल कार्पोशन के बीच समझौते हैं जिसके कारण भारत तेल आपूर्ति करता है। नेपाल तीन तरफ से भारत से घिरा है । एक तरफ हिमालय है जहां की भौगोलिक स्थिति बहुत दुर्गम है ।