जनजीवन ब्यूरो /नई दिल्ली । अगले माह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ राजग की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के नामांकन वैध पाए गए हैं।
राज्यसभा सचिवालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कुल 115 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए थे। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने बताया कि इनमें से 28 के नामांकन प्रस्तुति के दिन ही खारिज कर दिए गए थे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के 72 प्रत्याशियों के 87 पर्चों में से 79 जरूरी मानदंड पूरे नहीं करने से निरस्त किए गए।
राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन बुधवार तक कुल 115 नामांकन दाखिल किए गए थे। इनमें से 28 नामांकन उम्मीदवारों के नाम के साथ मतदाता सूची प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण खारिज कर दिए गए थे।
मुर्मू व सिन्हा के अलावा कई आम लोगों ने भी देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए अपने नामांकन दाखिल किए हैं। इनमें मुंबई के एक झुग्गी निवासी, राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव के एक हमनाम, तमिलनाडु के एक सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली के एक प्राध्यापक शामिल हैं। विभिन्न दलों के समर्थन को देखते हुए द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुने जाने की प्रबल संभावना है।
50 प्रस्तावक व 50 अनुमोदक अनिवार्य
चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरने वालों के लिए कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक अनिवार्य कर दिए हैं। प्रस्तावक और अनुमोदक निर्वाचक मंडल के सदस्य होने चाहिए। वर्ष 1997 में 11वें राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रस्तावकों और अनुमोदकों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 कर दी गई थी। तभी जमानत राशि भी बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई थी। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होंगे। 2 जुलाई नाम वापसी की अंतिम तिथि के बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी।