जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर कांग्रेस ने पलचवार किया है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी इस मामले में अटल बिहारी सरकार को भी कठघरे में खड़े कर रहे हैं। सरकार को यह प्रक्रिया शुरू करने के लिए पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले अगले साल 23 जनवरी तक का इंतजार नहीं करना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि मोदी सरकार अगर फाइलों को सार्वजनिक नहीं करने के पिछली सरकार के फैसले पर सवाल उठा रही है तो वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के खिलाफ भी उंगली उठा रही है । पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा कांग्रेस नेताओं की विरासत को हड़पने का प्रयास कर रही है ।
आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि दस्तावेजों को सर्वाजनिक करने के लिए सरकार 23 जनवरी तक इंतजार क्यों कर रही है। क्या यह बंगाल चुनाव के कारण है। उन्हें इसे आज या कल सार्वजनिक कर देना चाहिए । इस पर रहस्य क्यों बनाए हुए हैं। यह पर्याप्त संकेत देते हुए कि विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर यह कवायद हो रही है। उन्होंने दावा किया कि बिहार के मतदाताओं को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान रोये थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नेताजी के परिजनों से मुलाकात के बाद घोषणा की थी कि नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया 23 जनवरी, 2०16 को सुभाष बाबू की जयंती से शुरू होगी । मोदी ने कहा कि वह विदेशी सरकारों से भी उनके पास उपलब्ध नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने के लिए उन्हें पत्र लिखेंगे और व्यक्तिगत रूप से विदेशी नेताओं के साथ इस विषय को उठाएंगे जिसकी शुरूआत दिसंबर में रूस के साथ होगी।