जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को करारा झटका देते हुए आज अपने अहम फैसले में जजों की नियुक्ति के लिए बनाए गए एनजेएसी को असंवैधानिक करार दिया है। पांच-सदस्यीय बेंच ने न्यायिक नियुक्ति आयोग को असंवैधानिक घोषित किया। इसी के साथ बेंच ने इस मामले को बड़ी बेंच में भेजने की याचिका भी खारिज की। अब कोलेजियम सिस्टम जारी रहेगा। नेता जजों की नियुक्ति में शामिल न हों । याचिका आयोग सुप्रीम कोर्ट तथा हाई कोर्ट के न्यायाधीश पद हेतु उस व्यक्ति की नियुक्ति की सिफारिश नहीं करेगा, जिसके नाम पर दो सदस्यों ने सहमति नहीं जताई हो। कोर्ट ने पुरानी कॉलेजियम प्रणाली को पुन: बहाल कर दिया है। सुप्रमी कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यदि नई व्यवस्था से जजों की नियुक्ति की गयी, तो, यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता में बाधा उत्पन्न करेगी। कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया है और कहा कि ऐसा करना उचित नहीं होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालते ही जजों की नियुक्ति के लिए नेशनल जूडिशिएरी अपांइटमेंट कमीशन का गठन किया था। संविधान के 99वें संशोधन अधिनियम, 2014 की धारा 1 की उपधारा (2) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने इसे अधिसूचित किया।