जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आरटीआई ने लोकतंत्र को मजबूती प्रदान किया है। जनता के पास सरकार पर सवाल उठाने का अधिकार होना चाहिए । दसवें केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि जब चीजें ऑनलाइन मंच पर आती हैं, स्वत: पारदर्शिता बढ़ जाती है। विश्वास भी बढ़ जाता है।
मोदी ने कहा कि आरटीआई से सरकार की नीतियों की समीक्षा करने में मदद मिल सकती है । आरटीआई आवेदनों का जवाब समय पर और पारदर्शी होना चाहिए ।इस युग में गोपनीयता की कोई जरूरत नहीं है । शासन के खुलेपन से नागरिकों को मदद मिलेगी।
दूसरी तरफ कार्यक्रम को लेकर आलोचना शुरू हो गई है क्योंकि सुरक्षा कारणों से सीआईसी ने बड़ी संख्या में आरटीआई कार्यकर्ताओं को आमंत्रित नहीं किया है। इस कार्यक्रम के लिए केवल सात आरटीआई कार्यकर्ताओं को बुलाया गया जिन्होंने अपना विरोध जताते हुए इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।
सीआईसी के सालाना सम्मेलन में आरटीआई के मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा होती है। सम्मेलन में विशेषज्ञ और आयुक्त निरंतर विचार-विमर्श करते हैं। गौरतलब है कि इस बार दो दिवसीय सम्मेलन का विषय “आरटीआई- भविष्य का नजरिया-पारदर्शिता से विश्वास” है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा, वित्त मंत्री अरुण जेटली इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद होंगे।
आरटीआई के सालाना सम्मेलन के उद्घाटन समारोह से बड़े पैमाने पर आरटीआई कार्यकर्ताओं को अलग रखने के फैसले के खिलाफ आमंत्रित किए गए सात कार्यकर्ताओं ने इस सत्र के बहिष्कार का फैसला किया है। यह सातों कार्यकर्ता नेशनल कैंपेन फार द पीपुल्स राइट टू इंफार्मेशन (एनसीपीआरआइ) के सदस्य हैं। इन सदस्यों ने गुरुवार को प्रस्ताव पारित कर सम्मेलन में भाग न लेने का फैसला किया है।