जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘कैश क्वीन’ अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से 50 करोड़ कैश और 5 किलो से ज्यादा सोना बरामद किया है। पश्चिम बंगाल के बर्खास्त मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के पास करोड़ों का कैश, 3 फ्लैट और कई लग्जरी कार था लेकिन इस दौरान अर्पिता मुखर्जी का पुश्तैनी घर सुर्खियों से बाहर रहा है। कैश क्वीन अर्पिता मुखर्जी की मां मिनाती मुखर्जी कोलकाता के बेलघोरिया में अपने पैतृक घर में रहती हैं, जो टूटी-फूटी है। 50 साल पहले बने जर्जर मकान में अर्पिता की मां रहती है।
मिनाती मुखर्जी ने कोलकाता के बेलघोरिया में अपने पैतृक घर में अपनी बेटी की यात्रा को याद करते हुए कहा, “वह (अर्पिता मुर्खजी) पिछले हफ्ते यहां थी। वह यहां कभी भी ज्यादा समय नहीं बिताती है। वह ज्यादातर अपने घर पर रहती है।”
शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी द्वारा गिरफ्तार की गई अर्पिता मुखर्जी अपनी बीमार मां से मिलने जाती थीं और उनके साथ 2-3 घंटे बिताती थीं। इससे ज्यादा वह कभी वहां रहती नहीं थी। स्थानीय निवासियों ने कहा, “अर्पिता मुखर्जी ने मिनाती को अपने दैनिक कामों में सहायता करने के लिए दो हाऊस हेल्प की व्यवस्था की थी ” ।
अपनी बेटी की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद मिनाती मुखर्जी का कहना है ”अगर उसने मेरे निर्देशों का पालन किया होता, तो मैं उसकी शादी कर देती। उसके पिता सरकारी सेवा में थे, इसलिए उसे वह नौकरी मिल सकती थी। लेकिन उसकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। उसने यह घर बहुत पहले छोड़ दिया था।”
मिनाती ने कहा, अर्पिता चाहती थी कि वो फिल्मों और टेलीविजन शो में काम करे। अर्पिता से जुड़ी ईडी की मौजूदा जांच पर प्रतिक्रिया देते हुए, उनकी मां ने कहा, “मैंने इसके बारे में खबरों से ही सुना है। मुझे पैसे के बारे में कुछ नहीं पता था। ये कानूनी मुद्दे हैं। मैं उनसे इसके बारे में पूछने की कोशिश करूंगी।”
अर्पिता मुखर्जी ने हालांकि कुछ बंगाली और उड़िया फिल्मों में काम किया है। लेकिन जितना उन्हें सिने जगत में प्रसिद्धी नहीं मिले, उससे ज्यादा अर्पिता ईडी की छापेमारी बाद मशहूर हो गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा स्कूल भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में अर्पिता फिलहाल ईडी की कस्टडी में हैं। कथित घोटाला तब हुआ जब 2014-21 के दौरान पार्थ चटर्जी बंगाल में शिक्षा मंत्री थे। कभी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी रहे पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया और तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से हटा दिया गया क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत जमा हो गए थे।