जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को असंवैधानिक ठहराने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कहा कि राजग सरकार के लिए एक ‘बड़ा झटका’ है, क्योंकि को इस कानून को लाने वाली राजग की सरकार है । आप के प्रवक्ता आशुतोष ने कहा फैसला स्वागत योग्य है, क्योंकि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में न्यायपालिका की स्वतंत्रता ‘खतरे’ में है।
आशुतोष ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘एनजेएसी पर उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है, यह फैसला केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा झटका है जो न्यायपालिका को अपने प्रति प्रतिबद्ध बनाने की कोशिश कर रही है । इस सरकार ने प्रधान न्यायाधीश को राज्यपाल बना दिया। यह बेशर्मी है। ” आप नेता देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की केरल के राज्यपाल पद पर नियुक्ति की ओर इशारा कर रहे थे।
हालांकि उन्होंने उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति वाली कॉलेजियम प्रणाली में सुधार की भी मांग की । उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान राजनीतिक शासन के अंतर्गत न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर गंभीर खतरा है। इस आलोक में एनजेएसी पर न्यायालय के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन न्यायालय को खुद को अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए कॉलेजियम प्रणाली में आतंरिक स्वच्छता और सुधार लाने चाहिए.”
न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आज उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति की दो दशक से अधिक पुरानी कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने के लिए राजग सरकार द्वारा लाये गये अधिनियम को असंवैधानिक घोषित कर दिया. उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए एनजेएसी अधिनियम को खारिज कर दिया. उसने कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाला अधिनियम लाने के लिए संविधान में किए गए 99वें संशोधन को भी असंवैधानिक घोषित कर दिया.