जनजीवन ब्यूरो / मुंबई : शिवसेना सांसद संजय राउत की ईडी रिमांड मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। कोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के लिए ‘डर्टी मनी के स्रोत का पता लगाना’ जरूरी है। हालांकि, इस दौरान संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड पर रहते हुए अपनी एक तकलीफ बताई कि उन्हें ऐसे कमरे में रखा जा रहा है, जहां हवा आने-जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खासमखास राउत को ईडी ने पिछले रविवार को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। संजय राउत की रिमांड 8 अगस्त तक बढ़ाई गई संजय राउत की रिमांड 8 अगस्त तक बढ़ाई गई गुरुवार को शिवसेना सांसद संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने जैसे ही अदालत में पेश किया, उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे कमरे में रखा जा रहा है, जहां ना तो कोई खिड़की है और ना ही किसी तरह का वेंटिलेशन। राउत को ईडी ने मुंबई के बहुचर्चित पात्रा चॉल घोटाले के आरोपों में गिरफ्तार किया है। उन्हें पिछले रविवार की रात को गिरफ्तार किया गया था और सोमवार से वे एजेंसी की रिमांड में हैं। इस बीच कोर्ट ने संजय राउत की रिमांड को 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है।
संजय राउत की ओर से बिना खिड़की वाले ऐसे कमरे में रखने की शिकायत करने के बाद कोर्ट ने ईडी से इसका जवाब मांगा। अदालत ने पूछा कि एजेंसी 60 साल के नेता को बिना खिड़की वाले कमरे में क्यों रख रही है। इसपर सरकारी वकील ने कहा कि कमरे में कोई खिड़की नहीं है, क्योंकि उसमें एक एयर-कंडीशनर लगा है। इसपर राउत बोले कि वे स्वास्थ्य कारणों से एसी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसपर एजेंसी ने उन्हें भरोसा दिया कि उन्हें अब एक हवादार कमरे में रखा जाएगा। करोड़ों रुपये के अतिरिक्त नकद लेनदेन का पता चला-प्रवर्तन निदेशालय करोड़ों रुपये के अतिरिक्त नकद लेनदेन का पता चला-प्रवर्तन निदेशालय इससे पहले संजय राउत को अदालत में पेश करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसे करोड़ों रुपये के नकद लेनदेन का पता लगा है, जो कि पहले पाई गई लेनदेन के अतिरिक्त है। इसी आधार पर एजेंसी ने कोर्ट से उन्हें 10 अगस्त तक की रिमांड की मांग की। इसपर अदालत ने उनकी ईडी रिमांड की मियाद 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। इससे पहली ईडी ने दावा किया था कि रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से जो प्रवीण राउत को 112 करोड़ रुपये मिले थे, उसमें से 1.06 करोड़ रुपये का संजय राउत और उनके परिवार को सीधा फायदा हुआ। इसमें से 13.94 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत ने पाए थे। यह रकम उन्हें प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी की कंपनी अवनी इंफ्रास्ट्रक्चर में 5,625 रुपये के निवेश के रिटर्न के बदले दिए गए थे।
इसी दौरान स्वपना पाटकर के वकील रंजीत सांगले ने भी अदालत तक यह बात पहुंचाई कि उनकी क्लाइंट को धमकियां मिल रही हैं। इसपर कोर्ट ने उनसे पूछा कि हिरासत में रहते हुए संजय राउत कैसे धमकी दे सकते हैं। इसपर स्वपना पाटकर के वकील ने कहा कि वे रसूख वाले नेता हैं। स्वपना पाटकर कभी संजय राउत की करीबी हुआ करती थीं, लेकिन अब इस केस में मुख्य गवाह हैं। पाटकर 2009 से 2014 तक शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में समीक्षा लिखती थीं।
हालांकि, कोर्ट ने स्वपना पाटकर के वकील की दलीलों को सुनने से इनकार करते हुए कहा कि संजय राउत एक राजनीतिक व्यक्ति हैं और कोर्ट दूसरे मामले की सुनवाई कर रहा है। अदालत ने ये भी कहा कि उसे धमकियों के बारे में और ज्यादा जानकारी की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय पहले ही इसके बारे में बता चुका है। पात्रा चॉल घोटाले में 1,200 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और ईडी उसी की जांच कर रहा है, जिसमें शिवसेना नेता उसके हत्थे चढ़ चुके हैं।