जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बन गये हैं। बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित सभी बड़े नेता इस अवसर पर मौजूद रहे।
शपथ ग्रहण करने से पहले धनखड़ ने सुबह राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। बापू के स्मारक पर जाने के बाद धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘पूज्य बापू को श्रद्धांजलि देते हुए राजघाट की शांत भव्यता में भारत की सेवा में तत्पर रहने के लिए अपने आप को धन्य एवं प्रेरित महसूस किया।’
गौर हो कि उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी के तौर पर जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को पराजित किया था। एकतरफा मुकाबले में धनखड़ को कुल 528 मत मिले, जबकि अल्वा को सिर्फ 182 वोट से ही संतोष करना पड़ा।
कभी जनता दल के साथ रहे धनखड़ 2008 में भाजपा में शामिल हुए थे। वह अधिवक्ता के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को ओबीसी का दर्जा दिलाने की मांग और ओबीसी से जुड़े कई अन्य मुद्दों की जोरदार ढंग से पैरोकारी की। धनखड़ की उम्मीदवारी की घोषणा करते समय भाजपा ने उन्हें ‘किसान पुत्र’ बताया था, जिसे किसानों और खासकर जाट समुदाय के बीच एक संदेश देने के प्रयास के तौर पर देखा गया, क्योंकि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन में इस समुदाय के लोगों ने अच्छीखासी भागीदारी की थी। तीन वर्षों तक पश्चिम बंगाल का राज्यपाल रहने के दौरान धनखड़ अक्सर सुर्खियों रहे। ममजा बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के साथ उनका कई मौकों पर सीधा टकराव हुआ और यही कारण रहा कि वह कई बार तृणमूल कांग्रेस के निशाने पर आए।