जनजीवन ब्यूरो/ पटना। बिहार में नीतीश कुमार ने हाल ही में एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ मिलकर नई सरकार का गठन किया है। इस सरकार में नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बने हैं, जबकि आरजेडी के तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं। मंगलवार को नई सरकार की नई कैबिनेट ने भी शपथ ले ली। कुल 31 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
अब बिहार की नई कैबिनेट पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जी हां, बिहार में शपथ लेने वाले करीब 70 प्रतिशत से अधिक मंत्रियों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार कैबिनेट के 31 विधायकों में से 23 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और 17 मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ भी क्रिमिनल केस दर्ज हैं। बिहार मंत्रिपरिषद के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और बिहार इलेक्शन वॉच ने 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान प्रस्तुत मुख्यमंत्री सहित 33 मंत्रियों में से 32 के सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म का विश्लेषण करते हुए यह जानकारी स्वयंभू हलफनामों का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 32 मंत्रियों में से 27 (84 प्रतिशत) करोड़पति हैं और 32 मंत्रियों की औसत संपत्ति ₹ 5.82 करोड़ है। कैबिनेट में सबसे अधिक संपत्ति जिसके पास है वो मधुबनी से विधायक समीर कुमार । उनके पास 24.45 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसके अलावा चेनारी (एससी) निर्वाचन क्षेत्र से मुरारी प्रसाद गौतम के पास भी 17.66 लाख रुपये की प्रॉपर्टी है। आपको बता दें कि नीतीश कुमार जब एनडीए के साथ सरकार में थे तो उस वक्त भी नीतीश कैबिनेट के 62 फीसदी मंत्री दागी थे।