जनजीवन ब्यूरो
पटना । बिहारी बाबू की दाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में नहीं गलने से शॉटगन को दाल की याद आ रही है। आलम यह है कि बिहार में विधानसभा चुनाव परचम पर है और फिल्म अभिनेता को एक भी रैली में अपने किरदार निभाने का अवसर नहीं मिला है। उपेक्षित शत्रुघन सिन्हा मंहगाई को लेकर मोदी सरकार को कोस रहे हैं।
भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने महंगाई को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए ट्वीट कर के लिखा है कि दाल का रेट 2०० रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक हो गया है। प्याज की कीमत भी आम लोगों के आंखों से आसू बहा रही है। केंद्र सरकार को मंहगाई रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए। बिहारी बाबू अटल बिहारी वाजपेयी के शासन की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री मोदी को कहते हैं कि उस समय भी प्याज का रेट 6० रुपए हुआ था, जिसको लेकर लोगों में आक्रोश था।
मंहगाई से तो सभी वाकिफ हैं, दरअसल शॉटगन की परेशानी यह है कि बिहार चुनाव में उनको न तो स्थानीय नेता घास डाल रहे है और न ही केंद्रीय स्तर पर किसी तरह की सलाह ली जा रही है। इसी परेशानी के कारण उन्हें दाल औरप्याज का भाव मालूम हो रहा है।
भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए पहले जो नेताओं की सूची जारी की थी उसमेंलाल कृष्ण आडवाणी, शत्रुघ्न सिन्हा का भा नाम शामिल था, लेकिन ऐन वक्त पर दोनों नेताओं के नाम सूची से हटा दिए गए।
ऐसी बात नहीं है कि यह पहला अवसर है, उन्हें जब भी मौका मिलता है भाजपा की आलोचना करने से परहेज नहीं करते। सिन्हा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की काफी तारीफ करते है। जब पीएम मोदी की पहली परिवर्तन रैली मुजफ्फरपुर में हुई थी तो सिन्हा को किसी ने नहीं पूछा था तो नीतीश से मिलने चले गये। इसको लेकर कई कयास लगाया जा रहा था। नीतीश कुमार भी शत्रुघ्न की काफी तारीफ करते है। खुद नीतीश कई बार कह चुके है कि बिहारी बाबू पर बिहार को नाज है।
सिन्हा याकूब मेमन के फांसी मामले में भी अपना विरोध जता चुके हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से याकूब की फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं।