जनजीवन ब्यूरो / शिमला । एक तरफ जहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिर से राहुल गांधी को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कह रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल व प्रियंका गांधी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को महत्व और समय नहीं देते हैं, यही वजह है कि पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है। प्रतिभा सिंह का यह बयान एक न्यूज वेबसाइट को इंटरव्यू देने के दौरान आया है
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी ने कहा कि अभी राहुल गांधी को राजनीतिक युद्धाभ्यास सीखने की जरूरत है। ताकी वह जान सकें कि कांग्रेस में पीढ़ी के अंतर को कैसे दूर किया जाए। आपको बता दें कि एक तरफ जहां कई राज्यों की कांग्रेस समितियों ने राहुल गांधी को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग की है। वहीं, प्रतिभा सिंह के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
राहुल गांधी को दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर जब प्रतिभा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह राहुल जी पर निर्भर है कि वह पार्टी को समय देना चाहते हैं, या जीवन में अन्य काम करना चाहते हैं। ऐसे में यह उन्हें तय करना है। अगर वह समय नहीं देना चाहते हैं, तो पार्टी में कई दिग्गज नेता हैं जो उस जगह को भर सकते हैं। इंटरव्यू के दौरान प्रतिभा सिंह ने पार्टी में युवा नेताओं और सीनियर नेताओं के बीच संवादहीनता को लेकर भी बात की। साथ ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश में चुनाव के मुख्य मुद्दों पर भी बात की।
2017 के हिमाचल चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार बनाने के लिए कुल 68 सीटों में से 47 पर जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटें ही मिली थी। इसको लेकर प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस में मूल समस्या वरिष्ठ नेताओं और युवा नेताओं के बीच संवादहीनता है। इसकी वजह से पार्टी को चुनाव में भी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि उनकी बातों को सुना जाए। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति हो, जो सीनियर नेताओं की सुने। क्योंकि युवा नेता सीनियर नेताओं पर ध्यान नहीं देते हैं
प्रतिभा सिंह ने जनरेशन गैप को लेकर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि जनरेशन गैप को इंदिरा जी, राजीव जी और सोनिया जी ने अपने समय में दूर किया था, लेकिन नई पीढ़ी में इस खाई को पाटने का धैर्य नहीं है। साथ ही नई पीढ़ी में लोग परिपक्कव भी नहीं हैं। सिंह ने कहा कि ऐसे में राहुल गांधी को सीनियर नेताओं की बात सुननी चाहिए। अगर उन्होंने पहले सीनियर नेताओं की बात सुनी होती तो आज पार्टी की स्थिति ऐसी नहीं होती।