अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । बीजेपी हमेशा से तंज कसती रही है कि कांग्रेस पार्टी में प्रधानमंत्री का चेहरा कौन है, राहुल गांधी यह बताए। लेकिन अब कांग्रेस को चेहरा मिल गया है। जी हां मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बात कर रहा हूं।
विपक्ष को एकजुट कर पीएम का चेहरा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मैदान में पहले ही आ चुके हैं। नीतीश उत्तर प्रदेश के फुलपुर या मिर्जापुर से चुनाव लडने की तैयारी रह रहे हैं। लेकिन अशोक गहलोत के पीएम उम्मीदवार बनाने पर नीतीश कुमार मैदान से बाहर हो जाएंगे।
कांग्रेस पार्टी ने अपने अध्यक्ष चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दिया है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही पार्टी रणनीतिकार ने सीएम अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए मन बना लिया है। पार्टी ने फैसला कर लिया है कि अध्यक्ष पद के अलावा मुख्यमंत्री पद पर भी गहलोत बने रहेंगे। पार्टी ने अध्यक्ष पद के साथ ही सीएम गहलोत को 2024 चुनाव के लिए पीएम प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर कवायद में जुट गई है। जिससे राजस्थान चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव में सीएम का ओबीसी समेत अन्य वर्गो में उपलब्धता का भुनाया जा सके।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जल्दी ही नई भूमिका में नजर आ सकते हैं। बुधवार को सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे अशोक गहलोत अध्यक्ष पद के लिए तैयार हैं, लेकिन अंत तक राहुल गांधी को ही यह पद संभालने के लिए मनाएंगे। यदि सब कुछ ठीक रहा तो गांधी परिवार के समर्थन वाले उम्मीदवार के तौर पर वह चुनाव में उतरेंगे। जिसके तहत वे रविवार को दिल्ली पहुचेंगे और सोमवार को नामांकन दाखिल कर सकते है। उनका मुकाबला शशि थरूर से होगा, जिन्हें बागी नेताओं में शुमार किया जा रहा है। ऐसे में गहलोत का अध्यक्ष के चुनाव में जीतना तय माना जा रहा है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अध्यक्ष समेत पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए गहलोत को पीएम पद का चेहरा बनाने में भी जुट गई है। पार्टी ने तय कर लिया है कि गहलोत वर्तमान राजस्थान सरकार के अंतिम बजट यानि मार्च में पेश कर मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगे। उसके बाद उन्हें बतौर पीएम पद के चेहरा के बनाने के लिए पहल कर दिया जाएगा। फिर राजस्थान सीएम पद पर चुनाव होने तक विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को जिममेदारी दी जा सकती है। जिससे राजस्थान चुनाव में गहलोत के तहत ओबीसी समेत अन्य और जोशी के तहत ब्राह्मण मतदाता को अपने पाले में लाकर राजस्थान चुनाव जीता जा सकता है। इस तरह से पार्टी के उपर परिवारवाद के आरोप लगानेवाली सत्ता पक्ष का मुख्य एजेंडा समाप्त हो जाएगा। यही नहीं सामाजिक समीकरणों के लिहाज भी अशोक गहलोत की भूमिका अहम होगी। वह माली जाति से आते हैं, जिसे पिछड़े वर्ग में शुमार किया जाता है। उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस राजस्थान समेत कई राज्यों में इस बात को भुनाना चाहेगी कि उसने एक ओबीसी नेता को पार्टी का मुखिया बनाया है। मई में उदयपुर में हुई मीटिंग में भी कांग्रेस ने प्रस्ताव पारित किया था कि अल्पसंख्यकों और पिछड़ों को संगठन में 60 फीसदी पद दिए जाएंगे। उसके बाद अब य़ह फैसला इसी दिशा में एक और कदम है।
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राजस्थान में अंतिम बजट के बाद सीपी जोशी हो सकते है सीएम
सीएम गहलोत को मार्च 2023 में पीएम चेहरा बनाने के बाद बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी बनाए जा सकते है सीएम। जोशी को सीएम बनाए जाने के पीछे उनका अनुभव, गांधी परिवार का विश्वासपात्र और सीएम गहलोत का साथ अच्छा संबध बताया जा रहा है। पार्टी का मानना है कि यूपीए-2 में राहल गांधी के निर्देश पर कैबिनेट मंत्री पद को छोड़ संगठन में भागीदारी दी। जिसके तहत उन्होने बिहार, बंगाल समेत अन्य राज्यों में बतौर कांग्रेस प्रभारी काम किए। अभी वे राजस्थान विधानसभा में अध्यक्ष की भूमिका वाखूबी निभा रहे है।
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कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी
– नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी
-.नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर
– एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे