जनजीवन ब्यूरो / मुंबई। अदाणी स्टॉक क्रैश मामले पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस मामले से देश की स्थित और छवि प्रभावित नहीं हुई है। आरबीआई इस मसले पर अपना स्पष्टीकरण पहले ही जारी कर चुका है। एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। यह पहली बार नहीं है कि FPO वापस लिए गए हों, इससे पहले भी कई बार FPO वापस लिए गए हैं। सीतारमण ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और इस पर अडानी एंटरप्राइजेस विवाद का कोई असर नहीं पड़ेगा। बजट को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 24 के लिए हाल ही में पेश किए गए बजट का मुख्य फोकस विकास पर है। उन्होंने कहा कि बजट प्रस्ताव में राजकोषीय समेकन और विकास, दोनों पर सामान रूप से ध्यान दिया गया है। इनके बीच संतुलन स्थापित करना ही सरकार का लक्ष्य है।
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमारे देश में पहली बार एफपीओ वापस नहीं लिया गया है। इससे पहले भी कई बार एफपीओ वापस लिए गए हैं। आपलोग बताएं कि इससे कितनी बार भारत की छवि खराब हुई है और कितनी बार एफपीओ वापस नहीं आए हैं? FPO का आना-जाना लगा रहता है। वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि क्या वैश्विक वित्त बाजार में भारत की स्थिति अडानी एफपीओ पुलआउट के मद्देनजर कमजोर हुई है, तो उन्होंने कहा कि पिछले 2 दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार 8 बिलियन (डॉलर) बढ़ गया है। हमारे मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल या अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है।
इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी थी। केंद्रीय बैंक ने कहा था कि मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं जिनमें भारतीय बैंकों के एक कारोबारी समूह को दिए गए ऋण पर चिंता जताई गई है। यहां हम यह साफ करना चाहते हैं कि नियामक और पर्यवेक्षक के रूप में आरबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बैंकिंग क्षेत्र और व्यक्तिगत बैंकों पर निरंतर निगरानी रखता है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई के पास सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ इंफॉर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स (सीआरआईएलसी) डेटाबेस सिस्टम है। यहां बैंक पांच करोड़ रुपये और उससे अधिक के अपने एक्सपोजर की रिपोर्ट करते हैं। आरबीआई ने कहा है कि इसका उपयोग बैंकों बड़े ऋणों की निगरानी के लिए किया जाता है।
बता दें कि अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के बोर्ड ने पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए 20,000 करोड़ के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को वापस ले लिया था। कंपनी ने इसके साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया था। जिन लोगों ने अब तक एफपीओ को सब्सक्राइब किया है, उनके पैसे वापस लौटा दिए जाएंगे। अभूतपूर्व स्थिति और मौजूदा बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए कंपनी का लक्ष्य एफपीओ आय वापस करके और पूर्ण किए गए लेनदेन को वापस लेकर अपने निवेश समुदाय के हितों की रक्षा करना है।