रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के तीसरे और अंतिम दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लगभग 40 मिनट का भाषण दिया। राहुल ने भावनात्मक भाषण देकर सोनिया गांधी की आंखों में आंसू ला दिया। साथ ही भारत जोड़ो यात्रा, अडाणी हिंडनबर्ग केस, चीन को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।
राहुल ने अपने भाषण में 1977 का किस्सा भी सुनाया, जिसमें उन्हें पहली बार अहसास हुआ था कि उनके पास अपना घर नहीं है। उन्होंने कहा 52 साल हो गए, मेरे पास आज भी अपना घर नहीं है। उनकी बातें सुनकर सोनिया गांधी भावुक नजर आईं।
उन्होंने कहा, मैं छोटा था, 1977 की बात है। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने मां से पूछा मम्मी क्या हुआ। मां कहती हैं कि हम घर छोड़ रहे हैं। तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा है। मैंने मां से पूछा हम घर क्यों छोड़ रहे हैं। पहली बार मां ने मुझे बताया कि ये हमारा घर नहीं है। ये सरकारी घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने पूछा कहां जाना है तो कहती हैं कि नहीं मालूम कहां जाना है। मैं हैरान था। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है।
राहुल गाँधी ने कहा की “एक मंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था भारत से बड़ी है तो हम उनसे कैसे लड़ें? जब अंग्रेज हम पर राज करते थे तो क्या उनकी अर्थव्यवस्था हमसे छोटी थी? यानी जो आपसे ताकतवर है उनसे लड़ें ही मत। इसको कायरता कहते हैं।”
उन्होंने पहले तो अपनी यात्रा के अनुभवों का जिक्र करते हुए लोगों की बातें बताईं। बाद में बड़ी संख्या में कश्मीरियों के तिरंगा लहराने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बरस पड़े। बोले कि प्रधानमंत्री कहते हैं मैंने भी लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। नरेंद्र मोदी ने भाजपा के 15-20 लोगों के साथ लाल चौक पर तिरंगा फहराया। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने कश्मीर के लाखों युवाओं के हाथ से तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा कि चार महीने कन्याकुमारी से कश्मीर तक मैंने यात्रा की। राहुल ने कहा कि जैसे ही हम किसानों, नौजवानों से हाथ मिलाते, गले लगते ट्रांसमिशन हो जाता था। शुरुआत में बोलते थे, पूछते थे क्या करते हो, क्या मुश्किलें हैं। ये एक महीना चला उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं होती थी।
राहुल ने बताया कि आपने केरल में बोट रेस देखी होगी। मैं जब बोट में बैठा था, पैर में भयंकर दर्द था। मैं उस फोटो में मुस्कुरा रहा हूं, लेकिन दिल में रोना आ रहा था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा कि मैं 10-12 किमी ऐसे ही दौड़ लेता हूं। घमंड था। मैंने सोचा था 10-12 किमी चल लेता हूं तो 20-25 किमी चलने में क्या बड़ी बात है। मेरे माइंड में ये था। पुरानी इंजरी थी। कॉलेज में फुटबॉल खेलते हुए चोट लगी थी। राहुल बोले, ‘दर्द गायब था सालों के लिए और अचानक जैसे ही मैंने यात्रा शुरू की दर्द वापस आ गया। सुबह उठता था तो सोचता था कि कैसे चला जाए। 25 किमी नहीं 3500 किमी चलना है कैसे चलूंगा। फिर कंटेनर से उतरता था। चलना शुरू करता था। लोगों से मिलता। पहले 10-15 दिन में अहंकार या घमंड सारा गायब हो गया। क्यों गायब हुआ क्योंकि भारत माता ने मुझे मैसेज दिया। देखो तुम अगर निकले हो, अगर कन्याकुमारी से कश्मीर चलने निकले हो तो अपने दिल से अहंकार मिटाओ नहीं तो मत चलो। मुझे वो बात सुननी पड़ी।’
जब मैं निकला कन्याकुमारी से, मैंने अपने आप से पूछा कि मेरी जिम्मेदारी क्या बनती है। मैं भारत का दर्शन करने, उसे समझने के लिए निकला हूं, हजारों-लाखों लोग चल रहे हैं। मेरी क्या जिम्मेदारी है? मैंने थोड़ी देर सोचा और एक आइडिया आया मैंने ऑफिस के लोगों से बुलाया और कहा कि देखिए यहां हजारों लोग चल रहे हैं। धक्का लगेगा, चोट लगेगी। हमें एक काम करना है। मेरे साइड में 20-25 फीट इधर-उधर खाली जगह रखिए जिसमें देश के लोग आएंगे। अगले 4-5 महीने के लिए ये हमारा घर है। मतलब अगले 3-4 महीने तक ये घर हमारे साथ चलेगा।
राहुल ने कहा कि मैंने यात्रा की अपनी टीम से कहा था कि इंसान हो या जानवर जो भी यहां आए उसे सड़क पर यात्रा के आगे वाली खाली जगह अपनी लगनी चाहिए। जिस दिन मैंने ये किया भारत जोड़ो यात्रा बदल गई। लोगों से मैंने क्या क्या सुना है। मैं बता भी नहीं सकता। महिलाओं ने क्या कहा है, मैं यहां बता नहीं सकता। युवा कितना बोझ उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक दिन एक महिला ने हाथ हिलाया दूर से, मैंने उसे बुला लिया। मैंने हाथ पकड़ा, झट से पता चल गया कि कुछ न कुछ गलत है। जैसे मैं प्रियंका का हाथ पकड़ता हूं, वैसे ही उसका हाथ पकड़ा। अजीब सा लगा। वह कहती है, ‘भैया, मैं आपसे मिलने आई हूं।’ मैंने पूछा क्या बात है। उसने कहा कि मेरा पति मुझे पीट रहा है। राहुल ने कहा कि कश्मीर में एक लड़का ने सवाल किया कि जब कश्मीर के लोगों को दुख होता है, जब हमारे दिल में चोट लगती है तो बाकी हिंदुस्तान के लोगों को खुशी क्यों होती है? मैंने कहा, गलतफहमी में हो। ऐसी कोई बात नहीं है। मैं दावा कर सकता हूं कि करोड़ों लोगों के दिल में ये भावना नहीं है। लोग हर हिंदुस्तानी के दर्द के साथ खड़े हैं। मैंने कहा कि गिने-चुने लोग हैं जो खुश होते हैं। हजारों में होंगे लेकिन देश में करोड़ों लोग हैं। वह मुझसे कहता है कि आपने मुझे खुश कर दिया।
राहुल ने कहा कि घाटी में हजारों लोगों ने तिरंगा उठा रखा था। अनंतनाग, पुलवामा जिसे आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र कहा जाता है। कश्मीरी युवाओं के हाथों में तिरंगा था। संसद में मैंने प्रधानमंत्री का भाषण सुना। कहते हैं कि मैंने भी जाकर लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। नरेंद्र मोदी बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ जाकर लाल चौक पर तिरंगा फहराया। भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों कश्मीरी युवाओं के हाथों से तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री को फर्क नहीं समझ आया। हमने हिंदुस्तान की भावना, इस झंडे की भावना जम्मू-कश्मीर के युवाओं के अंदर डाल दी और आपने अपने झंडे की भावना जम्मू-कश्मीर के युवाओं से छीन ली।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी रायपुर महाअधिवेशन में कहा कि मैंने संसद में एक उद्योगपति पर आक्रमण किया। मैंने सिर्फ एक सवाल पूछा कि मोदी जी आपका अडानी से रिश्ता क्या है? पूरी भाजपा सरकार अडानी की रक्षा करने लग गई। वे कहते हैं कि जो अडानी पर आक्रमण करता वह देशद्रोही है… अडानी और मोदी एक हैं। विदेश मंत्री जयशंकर के बयान पर राहुल ने आगे कहा कि एक मंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था भारत से बड़ी है तो हम उनसे कैसे लड़ें? जब अंग्रेज हम पर राज करते थे तो क्या उनकी अर्थव्यवस्था हमसे छोटी थी? यानी जो आपसे ताकतवर हैं उनसे लड़ें ही मत। इसको कायरता कहते हैं। इसको देशभक्ति कहते हैं क्या? यह कौन सी देशभक्ति है?