जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के चाचा और वाहन चालक ने जालंधर में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि अमृतपाल अभी फरार है। पंजाब पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसने अमृतपाल सिंह के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े 5 व्यक्तियों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया है।
वहीं, प्रदेश में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस (संदेश) सेवाओं पर रोक मंगलवार दोपहर तक बढ़ा दी गई है। अमृतपाल की तलाश सोमवार को तीसरे दिन भी जारी रही। पंजाब पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है। पंजाब में अभी ‘हाई अलर्ट’ है।
पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने यहां कहा कि संगठन के तत्वों के खिलाफ कार्रवाई में अब तक 6 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 114 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को मामले में ‘आईएसआई पहलू’ और विदेशी वित्तपोषण का संदेह है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार 4 लोगों दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और पी. बाजेके के खिलाफ सख्त रासुका लगया गया है। इन्हें असम की डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले हरजीत सिंह के खिलाफ भी रासुका लगाया गया है। उसे भी डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल ले जाया जाएगा।
पुलिस के अनुसार, अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और डाइवर हरप्रीत सिंह ने रविवार देर रात जालंधर के मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के दौरान बनाए वीडियो में, हरजीत को लाइसेंसी .32 बोर पिस्तौल और सवा लाख रुपये नकदी दिखाते हुए देखा जा सकता है, जिसे वह मर्सिडीज कार में ले जा रहा था। बाद में पुलिस ने उसे जब्त कर लिया। अधिकारियों ने कहा कि हरजीत और हरप्रीत को अमृतसर (देहात) पुलिस अपने साथ ले गई। उन्होंने कहा कि हरजीत ने दीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के खातों को संभालने में अमृतपाल की मदद की। सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल संगठन का प्रमुख बना था। जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने स्वर्णदीप सिंह ने कहा, ‘अमृतपाल की तलाश अब भी जारी है।’