जनजीवन ब्यूरो
फरीदाबाद: फरीदाबाद में दबंगों के हमले में अपने दो बच्चों को खोने वाले एक दलित परिवार से मिलने यहां आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर गरीबों को ‘‘दबाने की राजनीति’’ करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं।
गांधी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री और पूरी भाजपा और संघ का यही रख है। उनका रख है कि यदि कोई कमजोर है तो उसे दबाया जा सकता है। आपने जो देखा है वह इसी रख का परिणाम है।’’ उन्होंने यहां एकत्र हुए ग्रामीणों और पीड़ितों के परिवार से मुलाकात की। कथित रूप से दबंगों ने कल तड़के एक दलित परिवार के घर में आग लगा दी थी जिससे दो बच्चों की जलने से मौत हो गई थी।
राहुल ने कहा, ‘‘ हरियाणा में गरीबों के लिए कोई सरकार नहीं है और गरीब लोगों को यहां निशाना बनाया जा रहा है जो पूरी तरह से गलत है। मैंने पीड़ितों के परिवार को भरोसा दिलाया है कि सरकार पर दबाव बनाने वे जो कुछ भी मुझसे चाहते हैं, मैं उनके लिए वह करूंगा।’’
राहुल ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘वह इस मामले की सीबीआई जांच के लिए दबाव डालेंगे।’ उन्होंने कहा, देश में कमजोरों को दबाया जा रहा है, कुचला जा रहा है और प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का रवैया इन सबको लेकर एक जैसा है। राहुल गांधी इस मौके पर पत्रकार द्वारा फ़ोटोऑप का सवाल किए जाने से भड़क गए और कहा कि ‘यह बेइज्जत करने वाला है। अगर ऐसा कोई कहता है तो यह केवल मेरी नहीं, बल्कि इन लोगों की बेइज्जती है। लोग मर रहे हैं, पीटे जा रहे हैं, फॉटोऑप क्या होता है? अगर ऐसा है तो मैं यहां जरूर आऊंगा, हर बार आऊंगा।’
इधर, बल्लभगढ़ की घटना के लिए बीजेपी के सहयोगी रामविलास पासवान ने हरियाणा सरकार पर दोष मढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘कानून-व्यवस्था राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी होती है। घटना के लिए राज्य सरकार जवाबदेह है।’ वहीं, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘जो हुआ दुर्भाग्यपूर्ण है।’
बसपा मुखिया मायावती ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चेतावनी दी है कि यदि दोषियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार की सहायता में तनिक भी विलंब हुआ तो उनकी पार्टी सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी।
इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। साथ ही लापरवाही बरतने के आरोप में सात पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है। ये पुलिसवाले परिवार की सुरक्षा में तैनात थे।
इस घटना से नाराज दलित समुदाय के लोगों ने फरीदाबाद-बल्लभगढ़ बायपास रोड को जाम कर दिया। पीडि़त परिजनों का कहना है कि जब तक सभी 11 आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते और सभी 7 पुलिसवालों को सजा नहीं हो जाती, तब तक दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।इस घटना में मारे गए जितेंद्र के दोनों बच्चों दो साल के वैभव और 1 साल की दिव्या का आज सफदरजंग अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। दोनों के शव दोपहर तक सुनपेड गांव में पहुचेंगे। एक सवर्ण परिवार पर इन लोगों को जलाकर मारने का आरोप है।
पुलिस कमिश्नर ने जितेंद्र को उचित सुरक्षा देने का लिखित वादा किया था। इसके बावजूद यह घटना हुई। पिछले साल गांव में मोबाइल को लेकर हुए झगड़े के बाद सवर्ण जाति के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी। तब दलित परिवार पर हत्या का आरोप लगा था। दलितों को डर था कि दबंग पूरी जाति से इसका बदला लेंगे। लिहाजा, कई दलित परिवार गांव छोड़कर चले गए थे, जिसमें जितेंद्र भी शामिल था। हालांकि एससी/एसटी आयोग में मामला जाने के बाद फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ने लिखित में कहा था कि जितेंद्र के घर के पास एक पुलिस जिप्सी, आधा दर्जन हथियारबंद जवान और दो बाइक सवार जवान तैनात रहेंगे। साथ ही एसएचओ मामले की निगरानी करेंगे। इस भरोसे के बाद ही जितेंद्र और उसका परिवार इसी वर्ष जनवरी में गांव में लौटा था।
इस हमले में घायल जितेन्द्र, उसका परिवार और पूरा गांव सदमे में हैं। उनका आरोप है कि मंगलवार की अल सुबह करीब 3 बजे उसके घर में कई सवर्ण जाति के लोग दाखिल हुए और पेट्रोल डालकर उनके परिवार को जिन्दा जला दिया। इस घटना में जितेन्द्र का दो साल का बेटा वैभव और करीब एक साल की बेटी दिव्या की मौत हो गई, जबकि पत्नी रेखा और वह खुद घायल है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है। घटना के बाद पुलिस ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया। घटना की जगह पर फोरेंसिक एक्सपर्ट ने जांच की। हालांकि पुलिस को ऐसा कोई चश्मदीद नहीं मिला, जिसने आरोपियों को देखा हो।