जनजीवन ब्यूरो / हैदराबाद। राष्ट्रीय दल का दर्जा खो चुकी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी बल्कि जद(एस) को समर्थन दे रही है। इसी के साथ बीआरएस ने 10 मई को होने वाले चुनाव में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है क्योंकि उसकी मित्र पार्टी कर्नाटक जद(एस) उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।
बीआरएस जो पहले टीआरएस के नाम से जानी जाती थी, उसने राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करने के लिए पिछले साल दिसंबर में अपना नाम बदल लिया था और इसने कर्नाटक चुनाव लड़ने का फैसला किया। बीआरएस सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है क्योंकि जद (एस) उसका दोस्त है और चुनाव में उम्मीदवार उतारने की योजना बनाने के लिए पार्टी के पास पर्याप्त समय नहीं था।
महाराष्ट्र चुनावों की तैयारी में जुटी बीआरएस
बीआरएस द्वारा पड़ोसी महाराष्ट्र में पैर जमाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की ओर इशारा करते हुए सूत्रों ने कहा कि पार्टी पर्याप्त तैयारी और योजना के बिना चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं थी। बीआरएस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव अब तक महाराष्ट्र के नांदेड़ क्षेत्र में दो रैलियों को संबोधित कर चुके हैं और 24 अप्रैल को छत्रपति संभाजी नगर (औरंगाबाद) में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं।
जद (एस) के उम्मीदवारों के अनुरोध पर राव उनके समर्थन में प्रचार करने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सूत्रों ने कहा कि बीआरएस इस बात को लेकर भी चिंतित है कि भाजपा विरोधी वोटों के बंटने के बाद उसके अभियान से कर्नाटक में भाजपा को फायदा हो सकता है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी इससे पहले हैदराबाद में टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस करने से संबंधित कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। कर्नाटक में 10 मई को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया गुरुवार को समाप्त हो गई। वहीं, चुनाव परिणाम 13 मई को घोषित किए जाएंगे।