जनजीवन ब्यूरो / बेंगलूरु : कर्नाटक में शनिवार को सिद्धारमैया ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके अलावा डीके शिवकुमार ने डिप्टी CM के तौर पर शपथ ली। इसके अलावा 8 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई। शपथ समारोह में राहुल गांधी और प्रिंयका गांधी समेत कई पार्टियों के नेता शामिल हुए। शपथ ग्रहण में नौ विपक्षी पार्टियों के नेता मौजूद रहे। इनमें महबूबा मुफ्ती, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, डी राजा और सीताराम येचुरी (लेफ्ट), एमके स्टालिन, शरद पवार, फारूख अब्दुल्ला, कमल हासन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हैं। कांग्रेस लगातार विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटी हुई है। जिसके कांग्रेस अगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मजबूत घेराबंदी कर सके। शपथ में पहुंचे विपक्षी दलों की बात करें तो ये देखना जरूरी होगा कि, वे बीजेपी को रोकने में कितना दम रखते हैं। इसके लिए हमें वहां की सीटों के आंकड़ों को देखना पड़ेगा। शपथ समारोह में पहुंचे विपक्षी दिग्गजों में सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाला राज्य महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में 48 सीटें हैं। राज्य में कांग्रेस का एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ गठबंधन है। लोकसभा चुनाव के समय बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा था और 42 सीटें जीती थी। 23 सीटें बीजेपी के खाते में आई थीं। एनसीपी ने 4, कांग्रेस और एआईएमआईएम और निर्दलीय ने 1 सीट जीती थी। वहीं अगर बिहार में पिछला चुनाव जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर लड़ा था। 40 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 19, जेडीयू ने 16 , एलजेपी ने 4 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी। लेकिन अब स्थिति अलग है। नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ चुके हैं। वहीं तमिलनाडु में 38 सीटें जिसमें से 23 डीएमके और 8 सीटें कांग्रेस जीती थीं। राज्य में डीएमके सत्ता में है और कांग्रेस उसकी सहयोगी पार्टी है। ऐसे में कांग्रेस राज्य में मजूबती के साथ मैदान में उतरेगी।
वहीं झारखंड में लोकसभा की 14 सीटों में से 11 पर बीजेपी का कब्जा है। इस बार यहां जेएमएम और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। अगर बात जम्मू कश्मीर की करें तो यहां लोकसभा की 6 सीटें हैं। जिसमें 3 बीजेपी और तीन नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास है। वहीं कांग्रेस और लेफ्ट हमेशा एक दूसरे के विपक्षी रहे हैं। जहां केरल और बंगाल में वह अलग-अलग चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन बिहार में साथ थे। ऐसे में देखना होगा कि लेफ्ट किन राज्यों में कांग्रेस के साथ जाता है। महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, झारखंड और जम्मू कश्मीर मिलाकर इन चार राज्यों में 164 सीटें हैं। जिसमें से बीजेपी के पास 56 सीटें हैं। कांग्रेस इन राज्यों में क्षेत्रियों पार्टियों को एकजुट कर बीजेपी के हाथ से बड़ी तादात में सीटें खींचने की कोशिश करेगी। अगर कांग्रेस इसमें सफल हो जाती है। तो यह बीजेपी के लिए एक बड़े झटके से कम नहीं होगा। मोदी के तीसरी बार पीएम बनने में रोड़ा साबित हो सकता है।