जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : पहलवानों को विरोध को 1983 की क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम ने समर्थन दिया है। WFI प्रमुख बृज भूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोपों पर पहलवानों के विरोध को लेकर टीम के सदस्य ने कहा कि हम ‘व्यथित और परेशान’ हैं। भारत के 1983 के क्रिकेटर ने आग्रह किया कि पहलवानों को अपने पदकों को लेकर जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। 1983 के विश्व कप विजेता टीम के मदन लाल ने पहलवानों के साथ बदसलूकी की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पहलवानों को अपने पदक फेंकने का फैसला दिल दुखाने वाला है। पू्र्व क्रिकेटर ने केंद्र सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, ” उन्होंने (रेसलर्स) अपने पदक फेंकने का फैसला किया। ये दिल दुखाने वाला निर्णय है। हम उनके पदक फेंकने के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि पदक अर्जित करना आसान नहीं है और हम सरकार से इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का आग्रह करते हैं।”
पहलवानों के विरोध को लेकर पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने आगे कहा कि वे रेसलिंग के चैंपियंस के साथ बदसलूकी देखकर परेशान हैं। इस बात की चिंता कि वे अपनी गाढ़ी कमाई के पदकों को गंगा नदी में बहाने की सोच रहे हैं। इन पदकों के हासिल करने के पीछे वर्षों का प्रयास, बलिदान, दृढ़ संकल्प और धैर्य का योगदान है। पदक केवल खिलाड़ियों का ही बल्कि देश के गौरव और आनंद विषय है। पूर्व क्रिकेटर ने पहलवानों से आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें मामले में जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। मदन लाल ने उम्मीद जताई कि पहलवानों कि शिकायतों को सुना जाएगा और जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा। ऐसे में कानून के मुताबिक सब कुछ होने देना चाहिए।