जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट 9.46 प्रतिशत बढ़ाने की अनुमति दे दी है, जिसके बाद से विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है।
इस सबके बीच आप नेता ऊर्जा मंत्री आतिशी ने सरकारी की ओर से सफाई दी है और कहा है कि बिजली के दाम बढ़ने के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।
दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- बिजली के दाम बढ़ने के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। पीपीएसी दस वर्ष के लिए निर्धारित होती है। प्रत्येक बिजली विनियामक आयोग कुछ माह बाद इसकी समीक्षा कर बिजली वितरण कंपनियों को अधिभार घटाने या बढ़ाने की अनुमति देता है। तीन माह के लिए अधिभार बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है।
केंद्र सरकार के कुप्रबंधन के कारण कोयला महंगा हो गया है। देश में पहली बार कोयले की कृत्रिम कमी हो गई है। इस कारण कोयले का दाम बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने यह संयंत्रों के लिए कुल खपत का 10 प्रतिशत आयातित कोयला खरीदने को अनिवार्य कर दिया है।
आतिशी ने आरोप लगाया कि आयातित कोयला देश में मिलने वाले कोयले से 10 गुना महंगा होता है। दो हजार प्रति टन मिलता है। आयातित 25 हजार प्रति टन है। कोयला आयातित करने वालों के साथ केंद्र सरकार की मिलीभगत है।
भारत में कोयले की कोई कमी नहीं है। जानबूझकर कोयला आयात करने वालो लाभ पहुंचाने के लिए कम उत्पादन किया जा रहा है।
आतिशी ने कहा कि बिना सब्सिडी वाले उपभोक्ताओं के प्रति यूनिट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बिल पर आठ प्रतिशत का अधिभार बढ़ेगा।