जनजीवन ब्यूरो / जयपुर : राजस्थान में बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा और राजस्थान सरकार के बीच शह-मात का खेल जारी है। गुढ़ा ने लाल डायरी के पन्नेर खोले तो राजस्थाेन सरकार ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी। अब गुढ़ा को एक पुराने केस में घेरा जा रहा है।
पॉक्सो एक्ट के एक पुराने केस में राजेंद्र सिंह गुढ़ा पर शिकंजा कसा जा रहा है। मामले की जांच के लिए जोधपुर पुलिस राजेंद्र गुढ़ा के घर पहुंची।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बुधवार को दिन में गुढ़ा प्रेस वार्ता कर लाल डायरी के कई पन्नेा सार्वजनिक किए और रात को उनके घर पुलिस पहुंच गई।
बताया जा रहा है कि गुढ़ा अपने घर पर मौजूद नहीं मिले। जोधपुर से आई पुलिस टीम उनका इंतजार करती रही। पुलिस ने सिर्फ इतना बताया कि उनके खिलाफ पॉक्सो एक्टु के तहत केस दर्ज है।
पूरे मामले में गुढ़ा की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी के पन्नेर सार्वजनिक करते समय यह भी आशंका जाहिर की थी कि राजस्थान सरकार अब उनको किसी ना किसी मामले में फंसाकर जेल में डाल देगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी सीट से बसपा की टिकट पर जीतकर कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा को सैनिक कल्याण राज्यीमंत्री बनाया गया था।
जुलाई में राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में राजेंद्र गुढ़ा ने मणिपुर हिंसा पर बोलते हुए कहा कि राजस्थान सरकार महिला सुरक्षा में विफल हो गई है। मणिपुर की बजाय हमें पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।
गुढ़ा के इस बयान के छह घंटे बाद उनको मंत्री पद से बर्खास्तम कर दिया गया था। इसके बाद गुढ़ा एक लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंचे और उस डायरी में अशोक गहलोत सरकार में हुए भ्रष्टा चार का लेखा-जोखा होने का दावा किया।