जनजीवन ब्यूरो / लाहौर : पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के रूप में शहबाज शरीफ का कार्यकाल खत्म होने के बाद अनवर-उल-हक काकर को नया कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया है। पूर्व सीनेटर और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता अनवर-उल-हक काकर ने सोमवार पाकिस्तान के आठवें कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ऐवान-ए-सदर में पूर्व प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व कैबिनेट सदस्यों की उपस्थिति में काकर को शपथ दिलाई। इस अवसर पर सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा, सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शपथ लेने से पहले अनवार सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी से मिलने पहुंचे और उन्हें सीनेट से इस्तीफा सौंपा। संजरानी ने इसे फौरन कबूल भी कर लिया। ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक काकड़ नहीं चाहते थे कि उनके पास एक साथ दो पद रहें। ऐसे में उन्होंने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पद की शपथ लेने से पहले सीनेट से इस्तीफा दे दिया।
अनवर-उल-हक काकर को देश की राजनीति में उतनी प्रसिद्धि हासिल नहीं हो पाई है। हालांकि वह जिस इलाके से आते हैं वह हमेशा से ही चर्चा में रहता है। काकर बलूचिस्तान से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म साल 1971 में बलूचिस्तान के किला सैफुल्लाह जिले के मुस्लिम बाग में हुआ था। काकर ने अपनी प्राथमिक शिक्षा क्वेटा के सेंट फ्रांसिस स्कूल से प्राप्त की। वे पश्तून जातीयता के काकर जनजाति से हैं। पूर्व सीनेटर ने बाद में कैडेट कॉलेज, कोहाट में दाखिला लिया। अपने पिता के निधन के बाद, वे क्वेटा लौट आये। तब से, उन्होंने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री की। अनवर-उल-हक को 2018 में बलूचिस्तान से एक निर्दलीय सांसद के रूप में चुना गया था। वह पाकिस्तान सीनेट में बलूचिस्तान अवामी पार्टी के लिए संसदीय नेता की भूमिका निभा चुके हैं। काकड़ को फौज का काफी करीबी माना जाता है। आर्मी चीफ आसिम मुनीर भी उनके दोस्त बताए जाते हैं। यही वजह है कि बलूचिस्तान के कई नेताओं ने उन्हें केयर टेकर प्राइम मिनिस्टर बनाए जाने के खिलाफ आवाज उठाई थी।