जनजीवन ब्यूरो / भोपाल । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी धार जिले के मोहनखेड़ा से चुनावी अभियान धार देने पहुंचीं तो विपक्षी खेमे में गरमाहट आ गई। जैन तीर्थ में दर्शन के बाद प्रियंका गांधी ने आदिवासी जननायक टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण किया। मोहनखेड़ा वह स्थान है, जहां गांधी परिवार के कई सदस्य अब तक आ चुके हैं। यहां से चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत हमेशा से कांग्रेस के लिए शुभ माना जाता है। हालांकि इसके पहले पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी यहां पहुंच चुके हैं। मोहनखेड़ा से आदिवासी अंचल के छह जिलों का सीधा संपर्क है। इसलिए दोनों दल यहां रैली के जरिए वोटर्स पर प्रभाव डालने की कोशिशों करते हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी ने मालवा निमाड़ के उज्जैन से चुनावी अभियान की शुरुआत की थी।
इंदौर संभाग का धार जिला शुरू से ही कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण रहा है। एक समय में धार जिले की आदिवासी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा रहा। बीते कुछ साल में कांग्रेस के इस गढ़ में भाजपा ने सेंधमारी की। साल 2018 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनाने में भी धार ने मुख्य भूमिका निभाई थी। तब जिले की 7 में से 6 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे। उस समय जिले में कांग्रेस का एक तरफा माहौल भी था। कांग्रेस के विधायक 30 हजार से लेकर 60 हजार वोटों तक से भी जीते थे। हालांकि, उप चुनाव के बाद जिले में कांग्रेस के पांच विधायक हैं।
कांग्रेस नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार, चुनाव की तारीखों के एलान के बाद ही प्रियंका गांधी प्रदेश में अपने दौरे तेज कर देंगी। प्रियंका गांधी मालवा-निमाड़ में लगभग 10 सभाओं को संबोधित करेंगी। इन रैलियों में कई बार राहुल गांधी भी नजर आएंगे। एमपी में चुनावी अभियान को लीड प्रियंका ही करेंगी। जबकि राहुल छत्तीसगढ़, राजस्थान का कैंपेन लीड करेंगे। बीच-बीच में प्रियंका भी छत्तीसगढ़, राजस्थान व तेलंगाना में सभा भी करेंगी।
जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश में चुनाव की घोषणा होने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी हर दूसरे दिन प्रदेश में मौजूद रहेंगी। प्रियंका गांधी के दौरे की प्लानिंग कुछ इस तरह की जा रही है कि वे पूरे चुनाव के समय अपना हर दूसरा दिन मध्यप्रदेश में बिताएं। प्रियंका गांधी की टीम उनके दौरों को कुछ ऐसे प्लान कर रही है कि वे मध्यप्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकें। टीम यह भी तय कर रही है कि चुनाव के दौरान प्रियंका एक दिन में 2 से 3 रैलियां करें।
मध्यप्रदेश के मालवा निमाड़ क्षेत्र में प्रदेश की कुल 230 सीटों में से 66 सीटें इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों में आती हैं। इन 66 सीटों में से 22 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। सूबे के सियासी इतिहास को देखें, तो मालवा-निमाड़ क्षेत्र की जनता ही प्रदेश का मुखिया तय करती है। इसलिए प्रियंका गांधी ने निमाड़ के धार से पहली जनसभा से चुनावी अभियान की शुरुआत की है।
इंदिरा से लेकर सोनिया तक कर चुकी हैं रैलियां
1977 में इंदिरा गांधी यहां रैली के लिए आई थीं, तब उनका हेलीकॉप्टर खराब हो गया था। फिर वे इंदौर से सड़क मार्ग से आई थीं।
1999-2000 सोनिया गांधी और राहुल गांधी आए थे, इस दौरान मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे।
साल 2013 में राहुल गांधी यहां सभा के लिए पहुंचे थे। जबकि जुलाई 2014 में संघ का चिंतन शिविर भी यहां लगा था।
2017 में सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि नरेंद्र सिंह तोमर भी यहां पहुंचे थे।
2017 में ही सेवादल के कार्यक्रम में शामिल होने राहुल गांधी यहां आए थे।
2018 में राहुल ने महाकालेश्वर से किया चुनाव अभियान शुरू
2018 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने 29 अक्तूबर को मालवा-निमाड़ से कांग्रेस के चुनाव अभियान का शंखनाद उज्जैन से किया था। राहुल गांधी ने महाकाल में पूजा अर्चना करने के बाद, यहां से चुनावी अभियान की शुरुआत की थी। राहुल ने उज्जैन में एक जनसभा को संबोधित किया था। इस बार प्रियंका गांधी 5 अक्तूबर को धार पहुंची हैं। मप्र में प्रियंका गांधी अभी तक 2 सभाएं कर चुकी हैं। प्रियंका ने जबलपुर में 12 जून को नर्मदा पूजन के बाद रैली को संबोधित किया था। वहीं इसके बाद 21 जुलाई को प्रियंका गांधी ने ग्वालियर में जन आक्रोश रैली को संबोधित किया था।