जसविंदर सिद्धू
भारत और पाकिस्तान 14 अक्तूबर को अहमदाबाद में आईसीसी विश्व कप के मुकाबले में एक दूसरे के सामने होगे. इस मैच के लिए एक लाख से भी ज्यादा की क्षमता वाले नरेंदर मोदी स्टेडियम के फुल होने की उम्मीद की जा रही है. हालांकि भारत ने पाकिस्तानी फैन और मीडिया को अभी तक वीजा जारी नहीं किया है लेकिन इसके बावजूद दोनों मुल्कों में मुकाबले का इंतजार हो रहा है.
इन दोनों टीमों के बीच होने वाले मैच किन्हीं दो किरदारों के इर्दगिर्द घूमती मुंबईया फिल्म की तरह हैं जिसका अंत रोचक, ट्रेजिक और परेशान कर देने वाला हो सकता है. इस बार की पटकथा भी शायद ऐसी ही रहे.
इसका कारण है विराट कोहली और बाबर आजम जैसे दो किरदारों की मौजूदगी. विराट इस समय उम्र के पड़ाव पर हैं और बेहतरीन खेल रहे हैं.यकीनन बतौर क्रिकेटर अपने रुतबे और अपनी ब्रांड वेल्यू को बचाए रखने के लिए विराट को अपने बल्ले को अहमदाबाद में दिल्ली के आटो के मीटर से भी तेज चलाना होगा.
दूसरी तरफ बाबर आजम हैं. किसी फिल्म के साइड हीरो की तरह, जो कभी भी आस्कर जीतने का माद्दा रखता है. लाहौर के इस बल्लेबाज ने साबित किया है कि दूसरे छोर पर रिजवान मिल जाए तो वह किसी भी टीम के खिलाफ मैच जीता सकते हैं. लेकिन फिर भी पाकिस्तानी मीडिया का एक वर्ग उनसे खुश नहीं है. उसे लगता है कि स्कोर बनाने में बाबर ज्यादा गेंद खर्च करते हैं और वह टीम को कभी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जिता सकते. लेकिन भरोसेमंद बाबर रनों का एक ऐसा चेक है जो सिर्फ स्पैलिंग या तारीख गलत होने पर ही बाउंस हो सकता है. बेशक इस विश्व कप के पहले मैच में उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही. लेकिन उन पर विश्वास किया जा सकता है.
बाबर और विराट एक दूसरे के प्रेरित करते हैं. उनका आपस में बात करने के लहजे से साफ है कि उन्हें एस दूसरे के टेलेंट की कद्र है. यह भी सच है कि दिल्ली का यह बल्लेबाज पाकिस्तान में कितना लाडला है. बाबर के भारत में चाहने वालों की कमी नहीं है.
यकीनी तौर पर दबाव दोनों तरफ रहेगा. इस सब के बीच बाबर और विराट की बल्लेबाज स्टेडियम और अपने ड्राइंगरुम में बैठ कर देख रहे दर्शकों की रुह को सुकून देन वाली साबित हो सकती है. साफ है कि इस फिल्म के अंत में बेशक कोई नया हीरो उभर कर सामने आ जाए लेकिन मैच के बड़े हिस्से पर इन दोनों का कब्जा रोमांच को बढ़ाएगा.