जनजीवन ब्यूरो / जयपुर : राजस्थान में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बीच भाजपा ने भी अपनी पहली लिस्ट जारी करते हुए उम्मीदवारों की घोषणा की। लेकिन सियासी गलियारों में इस बात को लेकर पारा चढ़ा हुआ है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को टिकट की घोषणा में तवज्जो नहीं दिया गया। माना जा रहा है कि पहली सूची में वसुंधरा की नहीं चली है। इसके चलते बीजेपी ने वसुंधरा के कई समर्थक नेताओं के टिकट काट दिए। इसके बाद बीजेपी की सियासत में जमकर उबाल आया हुआ है। वहीं बीजेपी ने जो पहली लिस्ट जारी की है। उसमें 29 उम्मीदवार ऐसे हैं, जो नए चेहरे हैं और वसुंधरा के समर्थक नही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि नए चेहरे को टिकट देकर बीजेपी वसुंधरा गुट को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी की पहली लिस्ट में नहीं चली वसुंधरा की!
राज्य में आचार संहिता लागू होने के साथ ही भाजपा ने सबको चौंकाते हुए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में 7 सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है। इस बीच वसुंधरा के समर्थकों के टिकट काटे जाने को लेकर बीजेपी में सियासी उबाल आया हुआ हुआ है। बीजेपी ने जो लिस्ट जारी की है। उसमें उन चेहरों को प्राथमिकता दी गई जो वसुंधरा के समर्थक नहीं हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि वसुंधरा ने जिन नामों को लेकर आलाकमान को सिफारिश की थी, शीर्ष नेतृत्व ने कोई तवज्जो नहीं दिया।
क्या अब वसुंधरा की चुनावी डगर हुई कठिन ?
बीजेपी की पहली लिस्ट में वसुंधरा के समर्थकों के टिकट कटने के बाद सियासत में कई सवाल खड़े हो गए हैं। वर्तमान स्थितियों को देखकर उनकी चुनावी डगर कठिन दिखाई दे रही हैं। बीजेपी ने पहली लिस्ट में वसुंधरा के विरोधी माने जाने वाले सांसदों को टिकट दिया है। इसको लेकर भाजपा ने वसुंधरा को बड़ा संकेत देने की कोशिश की है। सांसद दिया कुमारी को जयपुर की विद्याधर नगर सीट से टिकट देकर वसुंधरा के करीबी और निवर्तमान विधायक नरपत सिंह राजवी का टिकट काटा गया है। माना जा रहा है कि दिया कुमारी सीएम की प्रबल दावेदार हैं। इसी तरह सवाई माधोपुर से किरोड़ी लाल मीणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जैसे विरोधी नेताओं को पहली सूची में जगह दी गई है। ऐसे में वसुंधरा के समर्थकों के टिकट कटने के बाद सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि वसुंधरा राजे की चुनावी डगर अब आसान नहीं है।
वसुंधरा को केंद्र में शिफ्ट होने के संकेत ?
बीजेपी की पहली लिस्ट में वसुंधरा समर्थकों के टिकट काटने पर राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। दूसरी ओर राजनीतिक जानकार इसके पीछे वसुंधरा को केंद्र की राजनीति में शिफ्ट करने का संकेत मान रहे।हैं। हालांकि इससे पहले भाजपा उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर स्पष्ट रूप से संकेत दे चुकी है। लेकिन वसुंधरा राजे ने बीते दिनों हाई कमान को चुनौती देते हुए बयान दिया कि वह राजस्थान छोड़कर जाने के मूड में नहीं है। इस बयान का खामियाजा वसुंधरा को पीएम नरेंद्र मोदी की सभाओं के दौरान देखने को मिला। जहां पार्टी ने उन्हें पूरी तरह साइड लाइन किए रखा। बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद सियासत की नजरें अब वसुंधरा राजे के आगामी रुख को लेकर बेसब्री से इंतजार कर रही हैं।