जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने आज बड़ी खुशखबरी देते हुए महंगाई भत्ता (डीए) में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी (DA Hike) का एलान कर दिया है। आज हुई कैबिनेट की बैठक में डीए बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दे दी गई। सरकार की मंजूरी के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गया है। बढ़े हुए डीए का कैलकुलेशन बीते 1 जुलाई, 2023 से होगी और जुलाई से अक्टूबर तक का बकाया महंगाई भत्ता भी मिलेगा। इसके अलावा नंवबर महीने से सैलरी 46 प्रतिशत डीए के आधार पर बनेगी। इस बढ़ोतरी के बाद अब 47 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा यानी कर्मचारियों को ज्यादा सैलरी मिलेगी और पेंशनभोगियों को अब ज्यादा महंगाई राहत भत्ता (डीआर) मिलेगा। इसके बाद जनवरी 2024 में भी अगर महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई तो वह दर 50 प्रतिशत हो जाएगी।
कितनी बढ़ी सैलरी?
केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये होती है। इस पर अब डीए को 46 प्रतिशत के हिसाब से जोड़ा जाए तो मासिक डीए 8,280 रुपये होता है। वहीं अगर किसी कर्मचारी की सबसे अधिक बेसिक सैलरी यानी 56,900 रुपये है तो 46 प्रतिशत के डीए के आधार पर बेसिक सैलरी में 26,174 रुपये जुटेंगे। जिन कर्मियों का मूल वेतन 25 हजार रुपये है तो उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये का फायदा होगा। 46 प्रतिशत के हिसाब से उनका डीए 11500 रुपये हो जाएगा। जिस कर्मी की बेसिक सेलरी 35 हजार रुपये है तो उसे प्रतिमाह 1400 रुपये ज्यादा मिलेंगे। 46 प्रतिशत के हिसाब से उसका डीए 16100 होगा। ऐसे कर्मी जिन्हें 52 हजार रुपये की बेसिक सेलरी मिलती है, डीए बढ़ोतरी पर उन्हें हर माह 2080 रुपये से ज्यादा का लाभ होगा। 46 प्रतिशत के हिसाब से डीए राशि 23920 हो जाएगी।
इसके अलावा 70 हजार रुपये की बेसिक सेलरी वाले कर्मचारी को लगभग 2800 रुपये का फायदा होगा। 46 प्रतिशत के हिसाब से डीए की राशि 32200 रुपये होगी।
किसी कर्मचारी की सेलरी 85,500 रुपये है तो 46 प्रतिशत डीए के हिसाब से उसे 3420 रुपये का इजाफा होगा। 46 प्रतिशत के हिसाब से वह राशि 39330 रुपये हो जाएगी।
डीए की दर 46 प्रतिशत होने के बाद एक लाख रुपये की बेसिक सेलरी वाले कर्मियों के खाते में हर माह 4000 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी होगी। 46 प्रतिशत के हिसाब से डीए राशि 46000 रुपये हो जाएगी।
गत वर्ष दीवाली से पहले मिला था डीए/डीआर
केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल 28 सितंबर को डीए की दरों में चार फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों को दीवाली से पहले महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत का तोहफा मिल गया था। वह भत्ता पहली जुलाई 2023 से जारी हुआ था। उस वक्त 34 प्रतिशत की दर से मिल रहा महंगाई भत्ता 38 प्रतिशत हो गया था। उसके बाद जनवरी 2023 से उक्त भत्ते में दोबारा से चार फीसदी की वृद्धि हो गई। मौजूदा समय में महंगाई भत्ता, 42 प्रतिशत की दर से मिल रहा है। अगर जुलाई 2023 से बढ़ने वाले भत्ते में भी चार प्रतिशत की वृद्धि होती है और जनवरी 2024 में भी इसमें चार फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज होती है तो उस वक्त डीए वृद्धि का ग्राफ पचास फीसदी हो जाएगा। सातवें वित्त आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर ऐसा होता है तो बाकी के भत्ते भी स्वत: ही 25 प्रतिशत बढ़ जाएंगे। वेतन का ढांचा भी बदल जाएगा।
जुलाई में सीपीआई की दर 7.44 प्रतिशत रही है
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2023 (अनंतिम) में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर महंगाई के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की दर 7.44 प्रतिशत रही है। जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीपीआई दर 4.87 प्रतिशत थी। जुलाई 2022 में यही संयुक्त दर 6.71 प्रतिशत थी। जुलाई 2023 (अनंतिम) में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) की संयुक्त दर 11.51 थी, जबकि जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीएफपीआई दर 4.55 प्रतिशत थी। जुलाई 2022 में संयुक्त सीएफपीआई दर 6.69 प्रतिशत थी।
6.66 प्रतिशत रहा है सीएफपीआई मासिक बदलाव
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, सूचकांक के तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर संयुक्त तौर पर जुलाई 2023 (अनंतिम) की सीपीआई दर 186.3 प्रतिशत रही है। जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीपीआई दर 181.0 प्रतिशत थी। जुलाई 2022 में यही संयुक्त दर 173.4 प्रतिशत थी। जुलाई 2023 (अनंतिम) में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) की संयुक्त दर 193.8 थी। जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीएफपीआई दर 181.7 प्रतिशत थी। जुलाई 2022 में संयुक्त सीएफपीआई दर 173.8 प्रतिशत थी। जून 2023 की तुलना में जुलाई 2023 के अखिल भारतीय उपभोक्ता सीपीआई (सामान्य) और सीएफपीआई में मासिक परिवर्तन देखने को मिला है। सूचकांक के तहत सीपीआई (सामान्य) में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर संयुक्त तौर पर जुलाई 2023 (अनंतिम) और जून 2023 (अंतिम) में 2.93 फीसदी का बदलाव देखने को मिला है। इसी तरह सीएफपीआई का संयुक्त मासिक बदलाव 6.66 प्रतिशत रहा है।