जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । बिहार के जल संसाधन एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने कहा है कि केंद्र सरकार उत्तर बिहार में आने वाली बाढ़ रोकने के लिए नेपाल सीमा पर बांध बनाएं या फिर उससे बचाव के लिए कोई पैकेज दे. उन्होंने मैथिल पत्रकार ग्रुप की ओर से आयोजित मिथिला महोत्सव 7 और मिथिला लिटरेचर फेस्टिवल-4 के लिए प्रेषित अपने संबोधन में कहा कि इसके लिए दोनों देश के बीच करार भी है. लेकिन डीपीआर बनाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है.
संजय झा ने अपने संबोधन में बिहार में भाजपा के साथ जदयू की लड़ाई के मुद्दों को लेकर भी संकेत दिये. उन्होंने कहा कि मां सीता के जन्म स्थान पुनौरा धाम का पुनरुद्धार कार्य इसी साल दिसंबर में शुरू कर दिया जाएगा. जबकि अगले साल तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह माना जा रहा है कि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली भगवान राम की मूर्ति प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले बिहार सरकार इस कार्य को शुरू कर धार्मिक बिंदु पर भी भाजपा से दो-दो हाथ करने की तैयारी कर रही है. उन्होंने इसके साथ ही उत्तर बिहार में आस्था के केंद्र सिमरिया धाम में सुविधाओं को विकसित करने का भी इरादा व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि वहां पर गंगा आरती से लेकर अन्य कार्य के लिए विस्तृत घाट बनाए जा रहे हैं. वहां पर अन्य सुविधाएं भी विकसित की जा रही है. यह कार्य समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा. संजय झा ने यह भी बताया कि किस तरह झंझारपुर के पास बनाया गया मिथिलाहाट स्थानीय स्तर पर हजारों लोगों को रोजगार दे रहा है. उन्होंने इसके साथ ही कोसी के बाढ़ क्षेत्र में नहर बनाकर दरभंगा – मधुबनी में सिंचाई योजना को लागू करने और बाढ़ प्रभावित जगह पर खेती करने के उदाहरण भी दिए. उन्होंने केंद्र सरकार से यह मांग भी की कि अमर कवि कालिदास के जन्म स्थान उचैठ में पुरातत्व विभाग खुदाई कर वहां के प्राचीनतम अवशेष को दुनिया के सामने लाने का कार्य करे. इससे मिथिला में एक पुराने नगर और सभ्यता को दुनिया के सामने लाने में सहायता मिलेगी. जिससे वहां पर पर्यटन का भी विकास संभव होगा.
इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर अजय आलोक ने कहा कि मिथिला की भाषा और सभ्यता दुनिया में सबसे मीठी भाषा में शामिल होती है. यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही ज्ञान, सभ्यता, संस्कृति और इतिहास का केंद्र रहा है. एक तरफ मां गंगा , एक तरफ कोसी, एक तरफ गंडक नदी और एक तरफ हिमालय से घिरा हुआ यह क्षेत्र अपने बौद्धिक क्षमताओं के लिए प्राचीन काल से ही पहचान बनाए हुए है. यहां पर कई तरह के रोजगार- उद्योग के अवसर की अपार संभावना है. जिसको लेकर भाजपा लगातार मांग उठाती रही है. लेकिन वर्तमान में वहां प्रशासनिक व्यवस्था के केंद्र में जो सरकार है. वह इस दिशा में कदम नहीं उठा रही है. भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री मोदी का यह दृष्टिकोन रहा है कि हर राज्य में रोजगार और उद्योग को विकसित किया जाए. बिहार की जनता अगली बार भाजपा का साथ देने वाली है. इसके बाद वहां पर परिवर्तन नजर आएगा. इस दौरान कांग्रेस के सचिव प्रणब झा ने कहा की केंद्र सरकार को कुछ बड़े सरकारी और निजी उद्योग को बिहार में स्थापित करने की पहल करनी चाहिए. सरकार के पास रेलवे से लेकर खाद्य प्रसंस्करण जैसे बड़े क्षेत्र हैं. जिनके माध्यम से वहां पर केंद्र सरकार रोजगार के अवसर सीधे उपलब्ध करा सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से इस पक्ष में रही है कि केंद्र सरकार के स्तर पर नौकरियों का इस तरह सृजन किया जाए. जिससे मिथिलांचल और बिहार के अन्य क्षेत्रों को रोजगार के अवसर हासिल हो. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में मधेपुरा में रेलवे फैक्ट्री उसकी इसी सोच का नतीजा थी. इस अवसर पर मिथिला के उद्योगपति आरसी चौधरी और अरविंद झा ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
मिथिला महोत्सव के पहले चरण में मिथिला लिटरेचर फेस्टिवल-4 का आयोजन किया गया जिसमें मिथिला में उद्योग और रोजगार नहीं होने और उनके निदान को लेकर आरसी चौधरी और अरविंद झा ने अपने विचार व्यक्त किये. इससे पहले एक अन्य सत्र में भागलपुर मूल के दिवंगत पत्रकार संदीप ठाकुर की स्मृति में एक व्याख्यानमाला का आयोजन प्रेस एसोसिएशन और प्रेस क्लब के सहयोग से किया गया. संदीप ठाकुर लंबे समय तक हिंदुस्तान समाचार पत्र के साथ जुड़े रहे थे. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय सहारा सहित कई अन्य समाचार पत्र पत्रिकाओं में भी कार्य किया. अपनी विशिष्ट रिपोर्टिंग शैली की वजह से वह अपने समकालीन और उत्तरकालीन पत्रकारों के बीच भी काफी लोकप्रिय थे. क्राइम रिपोर्टिंग के क्षेत्र में उनकी विशेषता थी. उनके साथ काम करने वाले और उनके संपर्क में रहे वरिष्ठ पत्रकार धनंजय, दिनेश वत्स, गुलशन राय खत्री, राकेश कुमार सिंह, नरेंद्र भल्ला, इंद्र वशिष्ठ, सुजीत ठाकुर, प्रेस क्लब के महासचिव नीरज ठाकुर के साथ ही मैथिल पत्रकार समूह के अध्यक्ष और प्रेस एसोसिएशन के महासचिव संतोष ठाकुर ने संदीप ठाकुर को लेकर अपने अनुभव साझा किये. इन सभी ने अलग समय पर संदीप ठाकुर के साथ अपनी मुलाकात और कार्य करने के दौरान के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि किस तरह वह नए लोगों को प्रेरणा देने के साथ ही पुराने साथियों की मदद के लिए भी हमेशा तैयार रहते थे. उनके असमय निधन को पत्रकारिता के लिए इन सभी वक्ताओं ने एक बड़ी क्षति करार दिया. मिथिला महोत्सव के अंत में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मंच- संचालन प्रतिभा ज्योति और प्रकाश झा ने किया. इस दौरान मैलोरंग नाटय समूह की ओर से गीत और नृत्य के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. जिस पर उपस्थित लोग देर रात तक झूमते रहे. इस दौरान मैथिल पत्रकार ग्रुप ने अगला कार्यक्रम मिथिला हाट झंझारपुर मधुबनी में करने का भी ऐलान किया. इसके लिए बिहार सरकार के जनसंपर्क विभाग ने भी मैथिल पत्रकार ग्रुप को आमंत्रित किया है.