जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस ने बुधवार को दो टूक में मणिपुर सरकार को कहा है कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर से ही शुरु होगी। कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा है कि यात्रा किसी भी सूरत में अपने तय स्थान से ही शुरु होगी। दूसरी तरफ मणिपुर सरकार ने उस स्थान के लिए अपनी मंजूरी देने से इनकार कर दिया है जहां पार्टी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 14 जनवरी को शुरू होने वाली है। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कीशम मेगाचंद्र ने राज्य सरकार के फैसले को “दुर्भाग्यपूर्ण” और “लोगों के अधिकारों का उल्लंघन” बताया। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से कोई टिप्पणी उपलब्ध नहीं है।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों के ‘घावों पर मरहम लगाने’ के मकसद से यात्रा शुरू करने के लिए मणिपुर को चुना गया है।
वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल गांधी 15 जनवरी की शाम को नागालैंड पहुंचेंगे और अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत राज्य के कम से कम चार जिलों से होकर गुजरेंगे। उनका कहना था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष 14 जनवरी को मणिपुर में यात्रा शुरू होने के एक दिन बाद नागालैंड पहुंचेंगे और 18 जनवरी को असम जाएंगे।
कांग्रेस ने इंफाल पूर्वी जिले के हट्टा कांगजेइबुंग से मार्च शुरू करने के लिए आवेदन किया है। मेगाचंद्र ने राज्य सरकार के फैसले पर बोलते हुए कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह लोकतंत्र की हत्या है और लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है। प्रस्तावित स्थल भी एक सार्वजनिक मैदान है।”
प्रदेश कांग्रेस नेता मेगाचंद्र ने कहा, “हमने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात की और इंफाल पूर्वी जिले के हट्टा कांगजेइबुंग में ‘भारत जोरो न्याय यात्रा’ के आयोजन स्थल के लिए अनुमति मांगी, जहां से रैली को हरी झंडी दिखाई जानी है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया है।”
कांग्रेस की ओर से तय कार्यक्रम के अनुसार, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 14 जनवरी को इंफाल से यह यात्रा शुरू करेंगे। इसका समापन 20 मार्च को होगा। यह यात्रा मुख्य रूप से बस के जरिये होगी और कई स्थानों पर राहुल गांधी पदयात्रा भी करेंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पार्टी के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे।
कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सचिवालय में सिंह से मुलाकात की। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ बसों और पैदल 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली है। यह 66 दिनों में 110 जिलों, 100 लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगा। प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक, इसका समापन 20 मार्च को मुंबई में होगा।
एमपीसीसी प्रमुख की टिप्पणी मुख्यमंत्री के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को अनुमति देने पर ”सक्रिय विचार” चल रहा है और सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट मिलने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि मणिपुर पिछले साल मई से जातीय हिंसा से दहल रहा है और 180 से अधिक लोग मारे गए हैं। मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी थी।
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।