जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 आंकी गई है। अभी इस जलजले के कारण किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। ऑफिसों में काम कर रहे लोग भी कामकाज छोड़कर इमारतों से बाहर आ गए।
भारत में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब में भूकंप के ये झटके महसूस किए गए। अफगानिस्तान में सतह से 220 किलोमीटर नीचे आए इस भूकंप के कारण पाकिस्तान तक की धरती डोल गई है। उल्लेखनीय है कि हिंदूकुश इलाका भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है।
इस भूकंप के कारण अभीतक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। हालांकि, भूकंप के कारण लोग डरकर घरों से निकल गए। ऑफिस में काम करने वाले लोग भी खुले में आ गए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही जापान में 7 से अधिक तीव्रता के आए भूकंप में कई लोगों की जान चली गई थी।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।