जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । साहित्यकारों की लगातार हो रही हत्याओं पर देश की सबसे बड़ी साहित्यिक संस्था साहित्य अकादमी ने अपना मुंह खोला है और कन्नड़ लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या की निंदा की है। अकादमी की आज हुई आपात बैठक के बाद संस्था ने इन मुद्दों पर उसकी चुप्पी के विरोध स्वरूप अपने अवार्ड लौटाने वाले कलमकारों से अपने पुरस्कार वापस लेने की अपील की है।अकादमी ने इस हत्या और इसके साथ ही देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लेखकों और कवियों के साथ एकजुटता दिखाई है।
इससे पहले देश के कई नामचीन लेखकों ने आज देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ शांतिपूर्ण मार्च किया। देशभर से करीब 100 लेखक मंडी हाउस में श्रीराम सेंटर के पास एकत्र हुए और वहां से साहित्य अकादमी तक मार्च किया। लेखकों ने कहा कि उनका यह प्रदर्शन असामाजाकि घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार के आंखें मूंदे रहने के खिलाफ उनके आक्रोश को दर्शाने के लिए है। साथ ही वे इस प्रदर्शन के जरिये साहित्यकारों पर बढ़ते हमलों के प्रति अकादमी का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।
खास बात यह है कि एक तरफ घटती असहनशीलता का विरोध कर रहे साहित्यकार हैं तो दूसरी ओर इस मुद्दे पर सम्मान लौटाने वाले लेखकों के विरोध में भी कई लेखक प्रदर्शन कर रहे हैं। सम्मान लौटाने वाले लेखकों के विरोध में खड़ा साहित्यकारों के एक तबके का मानना है कि लेखकों को यूं सम्मान नहीं लौटाना चाहिए।