जनजीवन ब्यूरो / अयोध्या : 22 जनवरी को रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद मंदिर आज मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। रामलला के दर्शन के लिए राम मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। हजारों की संख्या में रामभक्त रामलला के दर्शन पूजन के लिए मंदिर परिसर में सुबह तीन बजे से ही जुटने लगे थे। अभी भी राम मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। श्रद्धालु लंबी कतार में खड़े होकर रामलाल के दर्शन करने का इंतजार कर रहे हैं। मंदिर परिसर जय श्रीराम, सियावर रामचंद्र की जय के नारे से गूंजयमान हो गया है। उमड़ती भीड़ को देखते हुए श्री राम जन्मभूमि मंदिर के बाहर सुरक्षा कर्मियों की तैनात की गयी है। इसके अलावा अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है।
राम मंदिर आये सभी रामभक्त आज नहीं कर पायेंगे रामलला के दर्शन
इस बीच रामभक्तों को निरास करने वाली खबर है। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या नगरी दिव्य दिखायी दे रही है। इस समय त्रेतायुग की झलक देखने को मिल रही है। अयोध्या भक्तों के समूह से भर गयी है। पहले दिन दर्शन के लिए इतने लोग यहां उपस्थित हैं कि आज सभी लोग दर्शन नहीं कर पायेंगे। 4000 संतों के समूह भी आये हैं। आज अयोध्या नगरी राममय दिखायी दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया है। वीडियो के साथ पीएम ने लिखा कि 22 जनवरी को हमने अयोध्या में जो देखा, वह आने वाले वर्षों तक हमारी स्मृतियों में अंकित रहेगा।
रामलला की पांच बार होगी आरती
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के दर्शन व पूजन के लिए एक विधान बनाया है। इस विधान के मुताबिक, पहले की तरह ही रामलला की पांच बार आरती होगी।
ब्रह्म मुहूर्त में करीब 3 बजे से गर्भगृह की स्वच्छता करने, पूजन और श्रृंगार की तैयारी की जायेगी।
सुबह चार बजे भगवान के दोनों विग्रह और श्रीयंत्र को मंत्रों से जगाया जायेगा। फिर मंगला आरती होगी।
इसके बाद विग्रहों का अभिषेक, शृंगार और भोग होगा। फिर 4:30 से 5 तक शृंगार आरती होगी।
सुबह 8 बजे से दर्शन शुरू होंगे।
दोपहर एक बजे मध्याह्न भोग आरती होगी।
दोपहर एक बजे से तीन बजे तक रामलला विश्राम करेंगे। दो घंटे दर्शन बंद रहेंगे।
दोपहर 3 बजे फिर से दर्शन शुरू होंगे।
शाम 7 बजे संध्या आरती होगी।
रात 10 बजे शयन आरती की जायेगी। इसके बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिये जायेंगे।