जनजीवन ब्यूरो /चंडीगढ़ । फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों पर दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार सुबह अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया। किसानों की योजना अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली बॉर्डर से दिल्ली जाने की है।
कई किसानों ने अपने ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ सुबह करीब 10 बजे फतेहगढ़ साहिब से मार्च शुरू किया और शंभू सीमा के रास्ते दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। एक अन्य समूह संगरूर के मेहल कलां से खनौरी सीमा के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहा है।
500 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉलियों में युवा, बुजुर्ग और महिलाएं काफिले का हिस्सा थीं और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। किसान नेता सुबह से ही फतेहगढ़ साहिब में इकट्ठा होने लगे। हरियाणा में अधिकारियों ने प्रस्तावित मार्च को विफल करने के लिए कंक्रीट ब्लॉकों, लोहे की कीलों और कंटीले तारों का उपयोग करके अम्बाला, जींद, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं को मजबूत कर दिया है।
हरियाणा सरकार ने भी सीआरपीसी की धारा 144 के तहत 15 जिलों में प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने और ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ किसी भी तरह के प्रदर्शन या मार्च पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।