जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। इसके लिए गड़बड़ी का आरोप झेल रहे चुनाव के पीठासीन अधिकारी मसीह सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।
अनिल मसीह ने माना है कि उन्होंने बैलट पेपर पर मार्क लगाया है जबकि केवल साइन करने थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह दोषी पाए गए तो कार्रवाई होगी। CJI ने हॉर्स ट्रेडिंग पर भी चिंता जताई है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह ने सुप्रीम कोर्ट में बैलेट पेपर पर निशान लगाना कबूल किया। अनिल मसीह के मुताबिक उसने 8 बैलेट पर X का निशान बनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कल फिर से सुनवाई होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव फिर से नहीं होगा। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।
भाजपा को आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों को अपने यहां पर शामिल करवाने का फायदा नहीं मिला। रविवार को आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों को भाजपा में शामिल करवाया गया था। वहीं आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप मेयर बनेंगे।
गौरतलब है कि 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ पार्षदों के वोट को अवैध करार दिया था और बीजेपी के पार्षद मनोज सोनकर को मेयर की गद्दी मिली थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के गठबंधन ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। इस
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को भी फटकार लगाई थी।
मामले में पिछली बार हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अनिल मसीह की वीडियो पर भड़क उठे थे। चीफ जस्टिस ने वीडियो देख कहा था कि यह लोकतंत्र का मजाक है, यह लोकतंत्र की हत्या है। ऐसे अधिकारी पर तो मुकदमा चलना चाहिए।
वहीं, सुनवाई के ठीक एक दिन पहले यानी कि कल आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शमिल हो गए। इनमें पार्षद नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी का नाम शामिल हैं। इसी के साथ अब बीजेपी के पास मेयर चुनाव के लिए पूर्ण बहुमत हो गया है।