जनजीवन ब्यूरो / शिमला : भारी बहुमत के बावजूद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी राज्यसभा की सीट हार गई और भाजपा बाजी मार गई। राज्यसभा चुनाव परिणाम आने के साथ ही प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया हैं। भाजपा के 15 विधायक सदन ने निलंबित कर दिए गए हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि क्रॉस वोटिंग को लेकर कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए एक साजिश रचाई जा रही है।
क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह विधायक फिर से हरियाणा के पंचकूला पहुंच गए हैं। हरियाणा पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले के साथ कड़ी सुरक्षा में लाया गया। इनमें राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, देवेंद्र भुट्टो, आईडी लखनपाल, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, बीजेपी के पास 25 विधायक हैं। राज्यसभा में वोटिंग के बाद यह संख्या बढ़कर 34 हो गई। इससे सरकार के ऊपर बहुत बड़ा संकट आ गया है…उन्हें किसी तरह बजट पास कराना था, वरना सरकार गिर जाती। इसके लिए उनके पास एक ही तरीका था कि बीजेपी विधायकों का नंबर वो कैसे कम कर सके। आज बिना किसी कारण के 15 विधायकों को निलंबित कर दिया गया है। उन विधायकों में मैं भी शामिल हूं। कांग्रेस की सरकार बचाई जा सके इसलिए 15 विधायकों को निलंबित किया गया है। हमारे निलंबन के बाद उन्होंने बजट पारित किया।
सीएम सहित सभी मंत्री व विधायक ओकओवर रवाना
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सहित सभी मंत्री और विधायक ओकओवर रवाना हो गए हैं। इससे पहले सीएम कई मंत्रियों और विधायकों के साथ तारा देवी मंदिर गए। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हम उनके (कांग्रेस विधायक जिन्होंने राज्यसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था) खिलाफ अयोग्यता प्रस्ताव लाए हैं और उस पर सुनवाई चल रही है। आज बजट पारित हो गया और हमारी सरकार को गिराने की जो साजिश की गई हम उसका भंडाफोड़ करेंगे। हमारी सरकार 5 साल पूरे करेगी।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफे के बाद भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर कहा कि अभी तक ऐसा कुछ नहीं है। मैं हमेशा जो भी कहता हूं, वह तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर कहता हूं। ऐसा कुछ नहीं है, यह सब अफवाह है। मैं सच बोलता हूं और बिना राजनीतिक मिलावट के कहता हूं। जो भी हमें कहना होगा हम साफ तरह से कहेंगे।
मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद विक्रमादित्य सिंह ने सरकारी गाड़ी को छोड़ दी है। वह अपनी निजी कार में विधानसभा से अपने आवास के लिए रवाना हुए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि क्रॉस वोटिंग को लेकर कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए एक साजिश रचाई जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पर्यवेक्षकों को कहा है कि विधायकों से मिलकर उनकी शिकायतें सुनें और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपे। क्रॉस वोटिंग दुर्भाग्यपूर्ण है। अभी हमारी प्राथमिकता कांग्रेस सरकार को बचाना है
हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र बजट पारित किए जाने के बाद बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर कर दिया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट से संबंधित विधेयक को पारित करने के लिए प्रस्ताव किया। सदन विपक्ष की गैर मौजूदगी में बजट का पारण हुआ। मुख्यंमत्री सुक्खू ने कहा कि जिन्होंने चेयर से कागज छीने, उन पर कार्रवाई की जाए। जिन्होंने सदन में नाटी लगाई, उन पर भी कार्रवाई करें। जयराम को सत्ता की बहुत भूख है। गुंडागर्दी से यह प्रदेश नहीं चलेगा। यह देवभूमि है। अफसरों को डराने की बात ठीक नहीं है। जयराम ठाकुर का और विपक्ष का राज्यसभा के चुनाव के समय व्यवहार सही नहीं था।
वहीं, कांग्रेस पार्टी के छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए बहस शुरू हो गई है। पार्टी की तरफ से स्थिति स्पष्ट करने के लिए बुधवार दोपहर डेढ़ बजे तक का समय दिया गया था। स्पीकर के समक्ष दोनों पक्षों के वकील बहस करेंगे। कांग्रेस पार्टी की पैरवी करने के लिए दिल्ली से वरिष्ठ अधिवक्ता पहुंचे हैं। सत्यपाल जैन ने कहा कि स्पीकर की ओर से सिर्फ कारण बताओ नोटिस दिया गया है। विधानसभा के रूल के अनुसार दल बदल विरोधी कानून में विधायक को सात दिन का नोटिस दिया जाता है। राज्यसभा में वोट डालना या नहीं डालना यह बदल विरोधी कानून में नहीं आता है।
विधानसभा सदन की कार्यवाही 2:00 बजे के बाद फिर शुरू हुई है। निलंबित विधायकों को सदन में नहीं आने दिया गया। संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि विपक्ष ने सदन में गैर मर्यादित व्यवहार किया। आसन पर कागज फेंके गए। यह निंदनीय है। स्पीकर ने कहा कि 15 विधायकों को निलंबित किया। उसके बावजूद यह सभी सदस्य सदन में बैठे, यह भी नियमों की अवहेलना है। पर इस तरह का व्यवहार सही नहीं। साल भर सारी कार्यवाही देखी जाए तो सबसे ज्यादा वक्त नेता प्रतिपक्ष को दिया गया। पेटिशन आज हियरिंग में लगा दी गई है। छह विधायकों की अंडर डिफेक्शन पेटिशन की सुनवाई हो रही है। इस पर भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने कहा- हम मानकर चल रहे हैं कि सरकार अल्पमत में आ गई है। आप सरकार बचाने का काम कर रहे हैं। हम भी इस सदन में नहीं रहेंगे। हम सदन का बहिष्कार कर जा रहे हैं। इसके बाद विपक्ष के विधायक सदन से बाहर चले गए। कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह लोकतांत्रिक नहीं है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर 15 लोगों के साथ पोलिंग स्टेशन में घुस गए। उन्हें प्रभावित करने की कोशिश की गई। कैसे यह लोकतंत्र चलेगा। जब बाहर जाने को कहा तो नहीं गए। कांग्रेस की तादाद 40 की थी। क्या वे बगैर प्रलोभन के गए हैं। इस सदन की मर्यादा के लिए जो भी फैसला लिया, उससे लोकतंत्र बच गया है। कहा कि जयराम तो लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। जो आदेश को लागू नहीं कर पाए, उन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
सीएम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैंने कोई इस्तीफा नहीं दिया, मैं एक योद्धा हूं। आम परिवार से निकला योद्धा लड़ाई में संघर्ष करता है और जीत संघर्ष की होती है। कांग्रेस पार्टी की सरकार पांच साल चलेगी। यह सरकार आम आदमी, कर्मचारियों व महिलाओं की सरकार है। भाजपा की ओर से विधायकों को बरगलाकर जो प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है, वह सफल नहीं होगा। इस लड़ाई को युद्ध की तरह लड़ूंगा। सीएम ने कहा कि बजट सत्र में हम अपना बहुमत साबित करेंगे। भाजपा के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं और जो लोग राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। भाजपा का सदन में बर्ताव उचित नहीं है।
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा- यह सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। जहां तक मुझे जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी अपना इस्तीफा पेश कर दिया है या हो सकता है कि आलाकमान ने उनसे मांगा हो, मुझे पता नहीं है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज वही हुआ जिसकी हमें आशंका थी। हमने सुबह राज्यपाल से मुलाकात की थी और हमने कहा था कि बजट पास कराने के लिए कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में वे भाजपा के विधायकों को निलंबित करेंगे… आज सदन में आते ही संसदीय कार्य मंत्री की ओर से प्रस्ताव लाया गया और 15 विधानसभा सदस्यों को निलंबित करने के लिए कहा गया। हमें मार्शल के माध्यम से बाहर जाने के लिए विवश किया गया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सदन में निलंबन का प्रावधान तब होता है, जब हम सदन की कार्यवाही में बाधा डालें। हम चर्चा के लिए तैयार थे।
सदन में जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट पास करने के लिए हमारा निलंबन हुआ है। यह सरकार तो गिरी हुई है। साढ़े तीन बजे इन्होंने बजट पारित कर दिया। नैतिकता के आधार पर सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। विक्रमादित्य सिंह ने भी इस्तीफा दिया है। इनके साथ तो विपक्ष से भी बुरा हुआ है। इसके बाद प्रतिपक्ष के विधायक सदन से उठकर लंच करने के लिए चले गए।
विधानसभा सदन की बैठक शुरू नहीं हो पाई है। सदन में गतिरोध बना हुआ है। विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने भी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से अनुरोध किया कि वे सदन से बाहर जाएं। लेकिन जयराम वह अपनी सीट से नहीं उठ रहे हैं। वहीं, सत्तापक्ष सदन में मौजूद है।