जनजीवन ब्यूरो / पटना । चिराग पासवान के मन में क्या चल रहा है? इस वक्त यह सबसे बड़ा सवाल है। बिहार के राजनीतिक गलियारों चिराग इन दिनों काफी चर्चा में हैं। वैशाली में विशाल जनसभा के बाद वह फिर सुर्खियों में आ गए हैं।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) को लेकर असमंजस है। संभव है अंदर-अंदर बातें तय हो गईं हो, मगर बाहर से अभी कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है। पिछले दो लोकसभा चुनाव से लगातार एनडीए का हिस्सा रहे लोजपा के विभाजन के बाद चिराग पासवान पर एनडीए से लेकर आइएनडीआइ की नजर है।
थोड़ी कूटनीति की भाषा बोल रहे चिराग
अब तक खुलकर प्रधानमंत्री के पक्ष में बोलने वाले चिराग थोड़ी कूटनीति की भाषा बोल रहे। पीएम की औरंगाबाद की सभा में पशुपति पारस और प्रिंस को मंच पर जगह मिली, वहां चिराग नहीं दिखे। चाचा पारस से उनका 36 का संबंध जगजाहिर है।
नेताओं और कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढ़ी
वैशाली लोकसभा क्षेत्र के साहेबगंज की सभा में भी चिराग ने पत्ते नहीं खोले। वह किस गठबंधन में जाएंगे, यह स्पष्ट नहीं किया। सभा में गए पार्टी कार्यकर्ता से लेकर एनडीए और आइएनडीआइ के नेता असमंजस में हैं।
वैशाली सांसद वीणा देवी मान रहीं कि पांच सीट पर बात एनडीए में तय है, मगर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। उनका स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बोलना दोनों गठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं की बेचैनी को बढ़ाए हुए है।