जनजीवन ब्यूरो / रांची। भाजपा ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घर बड़ी सेंध लगाई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की पूर्व विधायक और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने मंगलवार को अपनी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया है। उनके भाजपा खेमे में आने से पार्टी को मजबूती मिल सकती है। विशेषकर हेमंत सोरेन आदिवासियों के जिस कथित उत्पीड़न के सहारे भाजपा को मात देने की कोशिश कर रहे हैं, सीता सोरेन के खेमा बदलने के बाद जेएमएम का दांव हल्का पड़ सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने झारखंड की 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन पार्टी इस बार झारखंड में भी क्लीन स्वीप करने के मूड में है।
भाजपा में शामिल होते हुए सीता सोरेन ने कहा कि वे झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार छोड़कर भाजपा परिवार में जुड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में विकास हो रहा है। इसे देखते हुए ही उन्होंने भाजपा से जुड़ने का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि झारखंड के लिए उनके पति ने जो सपना देखा था, वे उसे पूरा करने का काम करेंगी। उन्होंने कहा कि उनके पति उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाना चाहते थे।
बता दें कि सीता सोरेन ने अपने इस्तीफा में लिखा कि आदरणीय गुरुजी बाबा केंद्रीय अध्यक्ष, झारखंड मुक्ति मोर्चा मैं सीता सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव एवं सक्रिय सदस्य वर्तमान विधायक हूं। आपके समक्ष अत्यंत दुखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर रही हूं। मेरे स्वर्गीय पति, दुर्गा सोरेन, जो कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं। पार्टी और परिवार के सदस्यों ने हमें अलग-थलग कर दिया है, जो कि मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है। मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेगी, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। झारखंड मुक्ति मोर्चा जिसे मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समपर्ण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था। आज वह पार्टी नहीं रहीं। मुझे यह देखकर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है। जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते।
अथक प्रयासों के बावजूद हम एकजुट ना हो सके
शिबू सोरेन (गुरूजी बाबा के) अथक प्रयासों के बावजूद जिन्होंने हम सभी को एक जुट रखने के लिए कठिन परिश्रम किया, अफसोस कि उसके प्रयास भी विफल रहें। मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रही है। मैं अत्यंत दुखी हूं। मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है कि कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा। अत: मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। आप से निवेदन करती हूं कि मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाये। मैं आपकी और पार्टी की हमेशा अभारी रहूंगी। मेरी शुभकामनाएं सदैव आपके साथ रहेंगी।
भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि सीता सोरेन के आने के बाद पार्टी की राजनीतिक शक्ति बढ़ेगी। आदिवासी समुदाय के विकास के लिए सीता सोरेन की ताकत का इस्तेमाल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। इसका असर इन वर्गों के जीवन में आ रहे बदलाव में दिखाई दे रहा है।
सीता सोरेन ने अपने इस्तीफे में अपने परिवार की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने पति दुर्गा सोरेन की मौत के बाद अपने परिवार की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए ससुर शिबू सोरेन के लिए आगामी जीवन के लिए शुभकामनाएं दी हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा में रहते हुए भी उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर खनन मामलों में घोटाले होने के आरोप लगाए थे।
सीता सोरेन के पति दुर्गा सोरेन झारखंड के बड़े नेताओं में गिने जाते थे। उनकी अगुवाई में ही झारखंड अलग राज्य बना था। लेकिन उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के बाद जेएमएम की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में आ गई। आरोप है कि इसके बाद हेमंत सोरेन ने दुर्गा सोरेन के परिवार की उपेक्षा की और उन्हें राजनीति में आगे बढाने के लिए कोई काम नहीं किया। इससे नाराज सीता सोरेन समय-समय पर हेमंत सोरेन के खिलाफ बिगुल फूंकती रहीं और आज अंततः उन्होंने पार्टी का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं।