जनजीवन ब्यूरो / रांची । झारखंड की लोकसभा की 14 सीटों में से जिन सीटों की गिनती हाई प्रोफाइल सीट के रूप में होती रही है. उसमें से एक सीट हजारीबाग लोकसभा सीट भी है. 2009 लोकसभा आम चुनाव से लेकर 2019 तक लगातार तीन बार यहां से भाजपा की जीत हुई है. 2009 में यशवंत सिन्हा और 2014- 2019 में उनके बेटे जयंत सिन्हा ने भाजपा सांसद के रूप में इस लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया.
भाजपा की ओर से जारी सभी 13 लोकसभा सीट के उम्मीदवारों की सूची में पांच सिटिंग सांसद ऐसे हैं, जिनका नाम काटा गया है। इन पांच सीटिंग सांसदों की सूची में हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा, लोकसभा सांसद सुदर्शन भगत, चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह, धनबाद सांसद पीएम सिंह और दुमका सांसद सुनील सोरेन के नाम शामिल हैं।
2019 में तो हजारीबाग लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी जयंत सिन्हा को 07 लाख 28 हजार 798 (67.42%) वोट मिले थे और उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के गोपाल प्रसाद साहू को एकतरफा मुकाबले में 04 लाख 79 हजार 548 मतों से हरा दिया था. 2019 में बंपर जीत के बावजूद जयंत सिन्हा की जगह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने हजारीबाग से भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है.
दूसरी ओर अब लगभग यह तय हो गया है कि हजारीबाग की सीट I.N.D.I.A ब्लॉक में कांग्रेस को मिलेगी और पार्टी के संभावित उम्मीदवार हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में आये जयप्रकाश भाई पटेल होंगे. संकेत यह भी मिल रहा है कि सीपीआई के नेता और पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता इस बार चुनाव मैदान में न उतरे. ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ गयी है कि इस बार हजारीबाग लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के दो नए चेहरे के बीच हो. एक तरफ NDA की ओर से भाजपा के प्रत्याशी मनीष जायसवाल हो तो दूसरी ओर I.N.D.I.A की ओर से कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश भाई पटेल.
इस बार रोचक होगा हजारीबाग का लोकसभा चुनाव
झारखंड की राजनीति पर नजदीकी और पैनी नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि हजारीबाग को लेकर एक बात तो लगभग तय है कि इस बार जीत चाहे किसी दल या गठबंधन की हो, हजारीबाग को सांसद के रूप में एक नया चेहरा मिलने जा रहा है. सतेंद्र सिंह कहते हैं कि कांग्रेस ने मांडू के भाजपा विधायक और सचेतक रहे जेपी पटेल को अपने पाले में लाकर अपना मास्टर स्ट्रोक चल दिया है. ऐसे में 2019 में हजारीबाग लोकसभा सीट से एकतरफा जीत दर्ज करने वाली पार्टी भाजपा के लिए हजारीबाग की लोकसभा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला का सामना कर पड़ सकता है.
हजारीबाग में हुए लोकसभा चुनावों पर एक नजर
वर्ष 2004 लोकसभा आम चुनाव में सीपीआई ने हजारीबाग लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को मात दे दी थी. तब सीपीआई उम्मीदवार के रूप में भुवनेश्वर मेहता ने 03 लाख 56 हजार से अधिक मत पाकर भाजपा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 01 लाख 05 हजार से अधुज मतों से हरा दिया था. इस चुनाव में आजसू उम्मीदवार के रूप में चंद्रप्रकाश चौधरी को 36 हजार 710 मत मिले थे जबकि माले प्रत्याशी हीरालाल गोपी को 14563 मत मिले थे.
2009 में भाजपा ने पलट दी थी बाजी
भाजपा प्रत्याशी के रूप में ही 2009 के लोकसभा चुनाव में यशवंत सिन्हा ने 2004 में मिली हार का बदला ले लिया. जिस सीपीआई उम्मीदवार भुनेश्वर मेहता से 2004 में उन्हें हार मिली थी वह 2009 में पांचवें स्थान पर रहे. तब यशवंत सिन्हा का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार सौरभ नारायण सिंह से हुआ था.
02 लाख 19 हजार 810 मत पाकर यशवंत सिन्हा ने कांग्रेस उम्मीदवार को 43 745 मतों से हराया था. इस चुनाव में सौरभ नारायण सिंह को 01 लाख 79 हजार 646 मत, आजसू उम्मीदवार चंद्र प्रकाश चौधरी को 86880 मत, झामुमो उम्मीदवार शिवलाल महतो को 53902 और जेवीएम उम्मीदवार ब्रजकिशोर जायसवाल को 43 हजार 745 मत मिले थे. निवर्तमान सांसद रहे भुवनेश्वर मेहता को मात्र 53785 मत मिले थे.
2014 में जयंत सिन्हा को मिली थी जीत
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर में भाजपा की ओर से हजारीबाग लोकसभा सीट से प्रत्याशी के रूप में यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा मैदान में थे. कांग्रेस ने दूसरी बार सौरभ नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था. मोदी लहर पर सवार जयंत सिन्हा ने 04 लाख 06 हजार 931 वोट पाए थे, जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को 02 लाख 47 हजार 803 मत मिले थे. इस चुनाव में आजसू के लोकनाथ महतो को 01 लाख 56 हजार 186 मत मिले थे. वहीं जेवीएम के अरुण कुमार मिश्रा को 30 हजार 408 मत मिले थे. इस चुनाव में 01 लाख 59 हजार 128 मतों से जयंत सिन्हा की जीत हुई थी.
2019 में भी हारी कांग्रेस
हजारीबाग लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने जब दोबारा जयंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने 07 लाख 28 हजार 798 वोट पाए और कांग्रेस के गोपाल प्रसाद साहू को 04 लाख 99 हजार मतों से हराया था. इस चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 02 लाख49 हजार 250 मत मिले थे.
लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां और उम्मीदवार तैयारी में जुट गए हैं. हजारीबाग लोकसभा से बीजेपी सांसद प्रत्याशी सह हजारीबाग सदर विधायक मनीष जयसवाल ने भी चुनावी बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले सभी 34 मंडल अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं को भाजपा का झंडा देकर उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ को मजबूत करने के लिए काम करने की सलाह दी.
‘कार्यकर्ता भाजपा की असली ताकत’
विधायक ने कहा कि भाजपा की असली ताकत कार्यकर्ताओं में है. सभी कार्यकर्ता आगामी चुनाव की तैयारी में जुट जाएं. घर-घर जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार बताएं. ताकि हजारीबाग से कमल खिलकर उन तक पहुंच सके. दरअसल, 8 मार्च को सांसद प्रत्याशी मनीष जायसवाल का जन्मदिन था. उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ अपना जन्मदिन मनाया. इस मौके पर उन्होंने चुनावी शंखनाद भी किया. शिवरात्रि के अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर ही रूद्राभिषेक का आयोजन किया गया. जहां पूरे लोकसभा क्षेत्र से सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंचे.
इस मौके पर बीजेपी प्रत्याशी मनीष जायसवाल ने यह बताने की कोशिश की कि पार्टी एकजुट है और पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में है. उन्होंने हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के चारों जिलों हजारीबाग, रामगढ़, चतरा और कोडरमा के सभी 34 भाजपा मंडल अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं के साथ पूजा-अर्चना कर और केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया.
पीएम मोदी के सपनों का भारत बनाने की अपील
मनीष जायसवाल ने कहा कि राजनीति में सेवा की भावना सर्वोपरि है और मैं इसी भावना के साथ राजनीति में आया हूं. मैं अपने कार्यों से इसे क्रियान्वित करने का सकारात्मक प्रयास कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैंने किसी नेता की हैसियत से नहीं बल्कि आपके बेटे और भाई की हैसियत से आपके कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहने का प्रयास किया है. मैं आगे भी इसी लक्ष्य के साथ काम करूंगा. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा कि यह चुनाव कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है और आप खुद को उम्मीदवार समझें और भारी मतों से चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दें. ताकि पीएम मोदी के सपनों का भारत और हमारे सपनों का हजारीबाग साकार हो सके.
हजारीबाग सीट पर लगातार तीन लोकसभा चुनाव बीजेपी ने जीता है, लेकिन इस बार जांचे परखे कैंडिडेट जयंत सिन्हा ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इसलिए बीजेपी ने मनीष जायसवाल पर दांव खेला है। यहां से महागठबंधन का उम्मीदवार मनीष जायसवाल को हराने की पूरी कोशिश करेगा, लेकिन सफलता उसे ही मिलेगी जिसे जनता का समर्थन हासिल होगा। झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से एक हजारीबाग लोकसभा सीट है। साल 2000 तक हजारीबाग भी बिहार का ही एक हिस्सा हुआ करता था। पहली बार इस सीट पर साल 1957 में हुए चुनाव में छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी की ललिता राज्य लक्ष्मी सांसद चुनी गईं। 1962 में इस सीट पर स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर बसंत नारायण सिंह चुनाव जीते। 1967 में भी निर्दलीय बसंत नारायण सिंह ही चुनाव जीतने में कामयाब रहे। हालांकि 1968 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के मोहन सिंह ओबराय सांसद चुने गए। 1971 में भी इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का ही कब्जा रहा और दामोदर पांडेय सांसद चुने गए।
आपातकाल के बाद सन 1977 में हुए चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस की हार हुई और जनता पार्टी के टिकट पर बसंत नारायण सिंह सांसद बने। इसके बाद 1980 में भी यह सीट जनता पार्टी के बसंत नारायण सिंह के पास ही रही। 1984 में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और दामोदर पांडेय सांसद चुने गए। इस सीट पर 1989 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली और यदुनाथ पांडेय संसद पहुंचे। 1991 में यह सीट CPI के खाते में गई और भुवनेश्वर प्रसाद मेहता सांसद बनने में कामयाब रहे। 1996 से लेकर 1999 तक हुए तीन आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली, जिसमें 1996 में महावीर लाल विश्वकर्मा और दो बार लगातार यानी 1998 और 1999 में यशवंत सिन्हा को जीत मिली जबकि 2004 में CPI के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता को जीत मिली। वहीं 2009 में यशवंत सिन्हा एक बार फिर से सांसद बने तो 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा को टिकट दिया और वे सांसद चुने गए। 2019 में भी बीजेपी कैंडिडेट के तौर पर जयंत सिन्हा ने ही लोकसभा का चुनाव जीता था। गौरतलब है कि हजारीबाग लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से हजारीबाग जिले की बरही, बड़कागांव, हजारीबाग और रामगढ़ जिले की रामगढ़ और मांडू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
2017 में, अलीमुद्दीन अंसारी को झारखंड के रामगढ़ शहर में गोरक्षकों के एक समूह ने रोक लिया था। उनकी मारुति वैन जला दी गई थी, उसमें रखा मांस सड़क पर बिखर गया था और उनके साथ मारपीट की गई थी। बाद में उन्होंने चोटों के कारण दम तोड़ दिया। इसके बाद, पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक किशोर था। पिछले साल 21 मार्च को रामगढ़ की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था और बाद में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. तीन महीने बाद, झारखंड उच्च न्यायालय ने आठ आरोपियों को उनके खिलाफ “विशिष्ट हमले के सबूत की कमी” का हवाला देते हुए जमानत पर रिहा कर दिया था।
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि उन्होंने और कुछ अन्य भाजपा नेताओं ने 2017 में झारखंड के रामगढ़ में एक मांस व्यापारी की पीट-पीट कर हत्या करने के आरोपी व्यक्तियों की कानूनी फीस का भुगतान करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी।
“वे (आरोपी) एक गरीब परिवार से आते थे। उनके परिवार के सदस्यों ने हमसे एक सक्षम वकील को नियुक्त करने में मदद करने के लिए उनकी आर्थिक सहायता करने का अनुरोध किया। सिन्हा ने बीबीसी न्यूज़ हिंदी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, मैंने पार्टी ( भाजपा ) के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर वकील की फीस का भुगतान करने में उनकी मदद की।
देश में बढ़ती महंगाई से आम जनता त्रस्त हो गई है. लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस बात को स्वीकार कर चुकी हैं. लेकिन बीजेपी सांसद जयंत सिन… ने महंगाई मुद्दे को ही खारिज कर दिया है. उनके मुताबिक महंगाई कही पर है ही नहीं और इसी वजह से विपक्ष को भी ये कही देखने को नहीं मिल रही