जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव, बालकृष्ण और अन्य के खिलाफ अवमानना याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का रिजल्ट इस दिन होगा घोषित, तारीख हुई तय ! इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार यानि 14 मई को योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना केस पर आदेश सुरक्षित रखा है। बता दें कि पतंजलि पहले ही भ्रामक विज्ञापन मामले में सार्वजनिक माफी मांग चुका है। जिसका माफीनामा अखबारों में प्रकाशित किया गया था। इस सुनवाई के दौरान अदालत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को भी आड़े हाथों लिया। आईएमए ने एलोपैथी डॉक्टरों के बारे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी की आलोचना की थी। आज उन्होंने भी अदालत में माफीनामा दिया। हालांकि, कोर्ट ने उसे स्वीकार नहीं किया।
पतंजलि के खिलाफ भ्रामक विज्ञापनों को लेकर याचिका आईएमए ने ही दाखिल की थी। इसके बाद ही अदालत ने पतंजिल को माफीनामा जारी करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान रामदेव और बालकृष्ण ने उन दवाओं के विज्ञापन को वापस लेने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इस पर कोर्ट ने उन्हें दो हफ्ते का समय दिया। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के वकील ने अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की भी मांग की। जिस पर कोर्ट ने सहमति देते हुए उन्हें पेशी से छूट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अदालत के आदेश पर प्रेस को इंटरव्यू देने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अशोकन से सवाल-जवाब भी किया। एलोपैथी डॉक्टरों के पर्चे में महंगी दवाई लिखने पर सवाल उठाने पर आईएमए अध्यक्ष के द्वारा दिए गए बयान पर अदालत ने नाराजगी जताई थी। अब कोर्ट से मिले नोटिस के बाद आईएमए भी माफी मांग रहा है।