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जसविंदर सिद्धू
आखिरकार अपनी जहनी बाधाओं से पार पा कर टीम इंडिया ने शनिवार को आईसीसी टी-20 विश्व कप पर कब्जा कर लिया. वेस्टइंडीज में ब्रिजटाउन के किंग्सटन ओवल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में उतरने से पहले रोहित शर्मा की टीम पर सवालिया निशान लगाया जा रहा कि क्या यह टीम चैंपियन बन पाएगी या फिर इस पर एक बार फिर फाइनल में चोकर का टैंग लगेगा!
लेकिन टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने इस बार खुद का बखूबी संभाला और फाइनल सात रनों से जीता. भारत ने साउथ अफ्रीका को 176 रन का टारगेट दिया था लेकिन वह बीस ओवर में 169 तक ही पहुंच पाई. हालांकि एक समय साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 30 गेंदों पर 30 रन चाहिए थे.
हार्दिक पांडया इस टूर्नामेंट में परिवार की टूट के बाद खेलने उतरे थे और उनके लिए पिछले दो महीने काफी मुश्किल थे. लेकिन उन्होंने इस सब को पीछे छोड़ ऐसे समय पर हैनरिक कार्लसन का विकेट हासिल किया जब वह मैच को भारत की पहुंच से बाहर ले जा रहे थे.
सूर्यकुमार यादव के लिए यह विश्व कप उतार-चढ़ाव भरा रहा और फाइनल में वह अपनी प्रतिभा के साथ न्यान करने में नाकाम रहे. लेकिन इसकी भरपाई उन्होंने मैच के सबसे अहम क्षण में डेविड मिलर की लोंग आफ पर सुपरमैन कैच पकड़ कर दी. यकीनन इस कैच को क्रिकेट प्रेमी आने वाले कई सालों तक याद करेगें.
हमेशा की तरह एक बार फिर जसप्रीत बुमराह ने टीम को मुश्किल वक्त पर विकेट दिलाया और साबित किया कि उन पर बड़े मैचों में भरोसा करना बेमानी नहीं है।
विराट कोहली की 56 गेंदों पर चार चौकों और दो छकों के साथ 76 रन की पारी ने भारत की जीत की नींव रखी. इससे पहले वह टीम को बड़ा स्कोर देने में नाकाम रहे थे। लेकिन फाइनल में वह बिलकुल अलग ही जोन में थे. कोहली ने दो चौकों के साथ अपने बल्लेबाजी का आगाज किया. इन दो शॉट्स से बाद वह मैदान पर आंख बंद करके खुद से बात करते नजर आए कि जैसे खुद से कह रहे हों कि आज कोई गलती नहीं करनी है।
इससे पहले टीम इंडिया आईसीसी के दो टॉप टूर्नामेंट का फाइनल हार चुकी थी.
पिछले साल भारतीय टीम आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल ओवल में आस्ट्रेलिया से हारी थी. उसी साल नवंबर में भारत आईसीसी 50 ओवरों के विश्व कप का मेजबान था. टीम इंडिया ने फाइनल में पहुंचने से पहले अपने सभी 10 मैच जीते लेकिन अहमदाबाद में एक लाख समर्थकों के बीच टीम आस्ट्रेलिया से हार गई.
टीम इंडिया को टी-20 विश्व जीतने के लिए 17 साल और आईआईसी को कोई टॉप टूर्नामेंट जीतने के लिए 13 साल का इंतजार करना पड़ा है. इससे पहले भारत 2011 में अपने मैदानों पर पचास ओवर का विश्व कप जीता था।