जनजीवन ब्यूरो / महोबा। उन्नाव के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में बस सवार 18 लोगों की मौत हो गयी। जबकि 19 लोग घायल हो गए। जिस बस से यह हादसा हुआ उसका महोबा से पंजीकरण से हुआ है, जांच में होश उड़ाने वाले तथ्य सामने आये हैं।
बस का पंजीकरण भले ही महोबा के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से हुआ है लेकिन यह बस कभी महोबा नहीं आयी, इतना ही नहीं करीब 50 बसें ऐसी हैं जो दूसरे शहरों व राज्यों से संचालित हो रही हैं और उनका पंजीकरण महोबा एआरटीओ कार्यालय से हुआ है।
आरटीओ के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच टीम गठित
उन्नाव हादसे के बाद पंजीकरण में हुई अनियमितता की जांच के लिए बांदा आरटीओ के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। टीम ने जांच शुरू करते हुए महोबा एआरटीओ कार्यालय से वर्ष 2018 व 2019 के वाहन पंजीकरण से संबंधित फाइलों को जब्त कर लिया है।
जानकारी होने पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप
उन्नाव में जिस बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 18 लोगों की जान चली गई, महोबा के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से पुष्पेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति नाम पंजीकृत है। पुष्पेंद्र का पता खन्ना थाना थाना क्षेत्र का मवई खुर्द गांव दर्ज है।इसकी जानकारी होने पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया।
बस को यहां किस तरह पंजीकृत कराया गया, इसकी जांच के लिए बांदा के संभागीय परिवहन अधिकारी उदयवीर सिंह के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम जांच के लिए महोबा भेजी गई।
जोधपुर की है बस कंपनी
उन्नाव में दुर्घटनाग्रस्त बस यूपी 095 टी 4729 खन्ना थाना क्षेत्र के मवई खुर्द गांव निवासी पुष्पेंद्र सिंह के नाम केयर आफ में दर्ज है। बस का संचालन एमएस केसी जैन ट्रेवल्स के द्वारा किया जा रहा है। यह कंपनी जोधपुर की है। शिकायत सामने आयी ही कि वर्ष 2018 से 2019 के बीच महोबा के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से करीब 50 बसें केयरआफ में दलालों के माध्यम से पंजीकृत हुई हैं।
उस दौरान इसका विरोध भी बस आपरेटरों के द्वारा किया गया था, फिलहाल उन्नाव हादसे के बाद 2018-2019 में दर्ज अन्य ऐसी और बसों को फाइलों को जब्त कर लिया गया है, जांच टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार केयर आफ में गलत पता का इस्तेमाल कर कितनी की पंजीकरण करा उनका संचालन हो रहा है।
मवई खुर्द में नहीं मिले पुष्पेंद्र सिंह
बस नंबर यूपी 95 टी 4729 पुष्पेंद्र सिंह के नाम पंजीकृत हैं, पुष्पेंद्र का पका खन्ना थाना क्षेत्र के ग्राम मवई खुर्द दर्ज हैं, लेकिन जांच टीम गांव पहुंची तो पुष्पेंद्र सिंह वहां नहीं मिले, जिससे संदेह है कि पता फर्जी है। पंजीकरण फाइल में उनका मोबाइल नंबर दर्ज था। उस नंबर पर काल की गई तो कई कॉल के बाद फोन रिसीव हुआ।
पुष्पेंद्र ने बताया कि जिस कंपनी द्वारा बस का संचालन किया जा रहा है पहले वह उसी कंपनी में नौकरी करता था। कंपनी ने केयर आफ उसके नाम बस का पंजीकरण करा लिया था।