जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के डोडा में बीती रात सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में चार जवान शहीद हो गए। शहीद हुए कैप्टन बृजेश थापा की मौत पर उनके परिवार ने शोक व्यक्त किया है। कैप्टन थापा के चाचा ने दर्द बयां करते हुए कहा कि लोगों के लिए यह कहना आसान है कि अधिकारी ने देश के लिए अपना बलिदान दिया, लेकिन परिवार इस क्षति को कभी नहीं झेल पाएगा।
कैप्टन थापा के चाचा योगेश थापा ने इसी के साथ हाल ही में जम्मू में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर चिंता जाहिर की। योगेश थापा ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को अब एक्शन में आना ही होगा, ऐसे नहीं चलेगा। सुरक्षा बलों पर बार-बार हमले हो रहे हैं अब तक उनपर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है।
कैप्टन ब्रिजेश थापा के चाचा ने आगे कहा कि हम शव के आने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद हम पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जाएंगे। थापा के माता-पिता दार्जिलिंग में ही रहते हैं। उन्होंने बताया कि वह पांच साल से सेना में भर्ती था और उनका लालन-पालन सेना के इलाकों में हुआ है, क्योंकि उनके पिता सेना में कर्नल हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि कल तक शव सौंप दिया जाएगा।
जम्मू संभाग के जिला डोडा मुख्यालय से करीब तीस किलोमीटर दूर जंगल और ऊंचे पहाड़ों से घिरा इलाका देसा में आतंकियों की तलाश में सोमवार को अभियान शुरू हुआ। सेना, पुलिस, सीआरपीएफ के जवान दहशतगर्दों की तलाश में चप्पा-चप्पा खंगालते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान सोमवार शाम साढ़े सात बजे के करीब आतंकियों के साथ मुठभेड़ शुरू हुई।
इसके बाद अतिरिक्त बल को भी मौके पर बुलाया गया। रात में एक बार फिर आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। मानसून के सीजन में ये इलाका धुंध से घिरा रहता है। इस चुनौती के साथ बहादुर सेना के जवान आतंकियों से लोहा लेते रहे। साथ ही आतंकी ऊंची जगह पर छिपे हुए थे और सेना के जवान नीचे से ऊपर की ओर बढ़ते हुए दहशतगर्दों का मुकाबला कर रहे थे।
जबांज सैनिक पूरी बहादुरी के साथ आतंकियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। इसी बीच सेना के कैप्टन बृजेश थापा, जवान नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और अजय सिंह घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। अंधेरे का फायदा उठाकर आतंकी घने जंगल में भाग निकले।
सुबह सूरज की किरणों के साथ ही एक बार फिर बड़े पैमाने में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। खोजी कुत्ते, ड्रोन व अन्य आधुनिक हथियारों के साथ आतंकियों की तलाश की जा रही है। मुठभेड़ स्थल के साथ लगते सभी संपर्क मार्गों पर भी अतिरिक्त जांच की जा रही है।