जनजीवन ब्यूरो / रांची : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ झारखंड के लोगों का गुस्सा इतना था कि 33 विधानसभा के 45 बूथों पर एक भी लोगों ने मतदान नहीं किया। जबकि भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने दो दिनों तक बैठक कर मतदान प्रतिशत बढ़ाने, मतदाता सूची पुनरीक्षण सहित अन्य मुद्दों पर आवश्यक दिशा-निर्देश सभी 24 जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को दिया था। लेकिन आयोग की अपील को लोगों ने ठुकरा दिया। कयास लगाया जा रहा है कि झारखंड में भी हरियाणा सहित अन्य राज्यों के साथ ही विधानसभा चुनाव अक्टूबर माह में ही करा दिए जाएं। आयोग की टीम ने लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान प्रतिशत सहित वैसे क्षेत्र व बूथ के संबंध में जानकारी हासिल की, जहां वोटिंग प्रतिशत कम था।
18वीं लोकसभा चुनाव में झारखंड में 66.19 प्रतिशत मतदान हुआ था। लेकिन झारखंड के 33 विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे, जहां के 45 बूथ पर एक भी वोट नहीं पड़ा था। जिन लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले विधानसभा क्षेत्र के बूथ पर एक भी वोट नहीं पड़ा था, उस सूची में दुमका का एक, गोड्डा के चार, चतरा के चार, कोडरमा के तीन, गिरिडीह का एक, धनबाद के पांच, सिंहभूम के सात, खूंटी के चार, लोहरदगा के पांच, हजारीबाग के दो, पलामू का एक, जमशेदपुर के दो और रांची लोकसभा क्षेत्र के छह बूथ शामिल हैं।
चार बूथ ऐसे भी, जहां 10 से कम वोट पड़े
चार बूथ ऐसे हैं, जहां 10 से कम वोट पड़े। जमशेदपुर लोकसभा के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में बूथ संख्या 154 पर मात्र एक वोट पड़ा। पलामू लोकसभा क्षेत्र के बिश्रामपुर विधानसभा के बूथ संख्या 182 पर नौ वोट पड़े थे। वहीं दुमका लोकसभा के दुमका विधानसभा क्षेत्रके बूथ संख्या 94 पर चार वोट और चतरा लोकसभा के पांकी विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 225 पर आठ ही वोट पड़े थे।
जानकारी के अनुसार एक बूथ पर चुनाव कराने में 50 हजार से लाख रुपये तक खर्च आता है। चुनाव खर्च बूथ की स्थिति (ग्रामीण या शहरी) पर निर्भर करता है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चुनाव कराने पर बूथ खर्च अलग-अलग होता है। कुछ तय शुल्क भी होते हैं, जिसमें मतदानकर्मियों को मिलने वाला मानदेय आता है। इस हिसाब से 49 बूथ पर चुनाव कराने (एक बूथ पर औसत 60 हजार का खर्च) पर भारत सरकार को लगभग 30 लाख का खर्च आया, लेकिन वोट पड़े मात्र 22। ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने के लिए जागरूकता कार्यक्रम, होर्डिंग, पोस्टर, स्वीप जैसे अभियान पर मोटी रकम खर्च की जाती है। जानकारी के अनुसार, कई बूथों पर सरकारी सुविधा नहीं मिलने, स्थानीय नेता और जातिगत प्रत्याशी न होने के साथ ही साथ कुछ स्थानीय मुद्दों को लेकर चुनाव बहिष्कार की बातें भी सामने आईं थीं।
निर्वाचन आयोग जोर शोर से विस चुनाव की तैयारी में जुटा
झारखंड में विशेष संक्षिप्त मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतदाता निबंधन को लेकर लगातार कैंप लगाए जा रहे हैं। झारखंड निर्वाचन आयोग ज्यादा से ज्यादा युवा मतदाताओं को जोड़ने का प्रयास कर रहा है और नए सिरे से मतदाता सूची भी तैयार कर रहा है। चुनाव आयोग कम वोटिंग वाले क्षेत्र या जिस बूथ पर एक भी वोट नहीं पड़ा, वैसे क्षेत्र व बूथों पर लगातार नजर बनाए हुए है। विधानसभा चुनाव में कम वोटिंग न हो, इससे निपटने के लिए लगातार जिला स्तर पर समीक्षा की जा रही है।
जानिए जिन 45 बूथ, जहां एक भी वोट नहीं पड़ा
विधानसभा क्षेत्र पोलिंग बूथ संख्या
शिकारीपाड़ा 198
जरमुंडी 69 व 266
पोड़ैयाहाट 209
महगामा 98
सिमरिया 107 व 238
लातेहार 235
चतरा 43
कोडरमा 158
बगोदर 444
गांडेय 175
डुमरी 173
चंदनकियारी 149
बोकारो 210
सिंदरी 98
निरसा 380
धनबाद 192
सिल्ली 132
चाईबासा 143
मझगांव 146 व 241
मनोहरपुर 132 व 194
चक्रधरपुर 83 व 148
खूंटी 231
सिमडेगा 29 व 199
कोलेबिरा 04
सिसई 221 व 282
हजारीबाग 183 व 184
कांके 19, 40, 372 व 429
ईचागढ़ 207
डाल्टनगंज 79
गुमला 274
लोहरदगा 108 व 310
जमशेदपुर 161
पोटका 102