जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली. NEET UG 2024 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने नीट-यूजी की परीक्षा दोबारा कराने से साफ इनकार कर दिया. याचिका में दोबारा परीक्षा कराने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दोबारा परीक्षा की मांग सही नहीं है, इससे 24 लाख छात्र प्रभावित होंगे. चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले.
भौतिक विज्ञान के प्रश्नों को लेकर हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने NTA को दिया क्लीन चिट
‘नीट-यूजी 2024’ में भौतिक विज्ञान के प्रश्नों को लेकर हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट को आईआईटी-दिल्ली के विशेषज्ञों से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल एक सही जवाब था न कि दो. इस पर कोर्ट ने कहा, विशेषज्ञ समिति ने साफ तौर पर कहा है कि केवल एक सही विकल्प था, जो कि विकल्प नंबर चार था, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सही थी.
परीक्षा की पवित्रता भंग हुई इसके पर्याप्त सबूत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, परीक्षा की पवित्रता भंग हुई इसके पर्याप्त् सबूत नहीं हैं. कोर्ट ने कहा, नीट-यूजी 2024 में हजारीबाग और पटना में प्रश्न पत्र लीक हुआ, यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के सीनियर वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा है कि ये साफ है कि 4 मई को स्टूडेंट्स को पेपर मिल चुका था. उन्होंने पेपर के सही जवाब याद किए और फिर भी फेल हो गए. पेपर लीक के लिए लंबी टाइमलाइन जरूरी है, कम समय में ये हो ही नहीं सकता.
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने रखा ये प्रस्ताव
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने एनईईटी यूजी से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान, प्रश्न पत्र के भौतिकी भाग में विवादास्पद प्रश्न के सही उत्तर के रूप में विकल्प 4 को चिह्नित करने वालों को पूरे अंक देने और विकल्प 2 को सही उत्तर के रूप में चिह्नित करने वालों के कोई अंक नहीं काटने का प्रस्ताव रखा.
IIT-दिल्ली के रिपोर्ट को सुनवाई के दौरान किया पेश
इससे पहले भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने तथा मंगलवार दोपहर तक सही जवाब पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. वहीं, सुनवाई शुरू होने पर सीजेआई ने रिपोर्ट में लिखी बातों का हवाला दिया और कहा, ‘हमें आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट मिली है. आईआईटी निदेशक रंगन बनर्जी ने भौतिकी विभाग की एक समिति गठित की और वे बताते हैं कि तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की. टीम का कहना है कि चौथा विकल्प सही जवाब है.’