जनजीवन ब्यूरो नई दिल्ली । सतीश झा को ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) के सीएमडी बनाया गया है। वे सार्वजनिक क्षेत्र के सीएमडी बनने वाले पहले पूर्व छात्र हैं। झा निदेशक (तकनीकी/इंजीनियरिंग सेवाएँ), सीएमपीडीआई और निदेशक (तकनीकी/पी एंड पी), सीसीएल, कोल इंडिया मंत्रालय, भारत सरकार तथा 1990 के खनन बैच के पूर्व छात्र को ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के पद के लिए चुना गया है। कोल इंडिया (CIL) की अनुषांगिक कंपनी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) के सीएमडी के पद के लिए सतीश झा के नाम की अनुशंसा की गई है।
जुलाई माह में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के लोक उद्यम चयन बोर्ड (PESB) ने साक्षात्कार का परिणाम जारी किया। पीईएसबी ने इसी साल 26 फरवरी को ईसीएल सीएमडी के लिए विज्ञापन जारी किया था। ईसीएल का सीएमडी बनने के लिए अलग- अलग कंपनियों से 10 अधिकारियों ने साक्षात्कार में भागीदारी की थी।
लोक उद्यम चयन बोर्ड ने सतीश झा के नाम की अनुशंसा की। सतीश झा वर्तमान में कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनी सीएमपीडीआई में निदेशक (टेक्नीकल, प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग) के पद पर कार्यरत हैं।
ईसीएल के सीएमडी का प्रभार समीरन दत्ता संभाल रहे हैं। दत्ता बीसीसीएल के सीएमडी हैं। उन्हें दिसम्बर, 2023 को ईसीएल के सीएमडी पद का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था।
सतीश झा ने सीएमपीडीआई में निदेशक (तकनीकी/आरडीएंडटी) के रूप में 1 सितंबर को पदभार ग्रहण किया। इससे पहले वे एनसीएल-सिंगरौली में विभिन्न पदों पर अपनी सेवा दे चुके हैं।
झा ने 1990 में नागपुर विश्वविद्यालय से माइनिंग इंजीनियरिंग की डिग्री और 1998 में आईएसएम (धनबाद) से इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में एम.टेक. की डिग्री हासिल की। झा आईआईटी-बीएचयू, वाराणसी से माइन प्लानिंग में पीएचडी भी कर रहे हैं।
झा ने वर्ष 1990 में ही अपने सेवा की शुरुआत भारत कोकिंग कोल लिमिटेड से जूनियर एग्जीक्यूटिव ट्रेनी के रूप में की। उन्होंने ज्यादातर कोयला उत्पादन कंपनियों में मैनेजर, महाप्रबंधक (कॉरपोरेट प्लानिंग) से लेकर एरिया महाप्रबंधक के रूप में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड-सिंगरौली और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड-बिलासपुर की विभिन्न खुली खदानों में कार्य किया।
झा ने एनसीएल की अमलोहरी परियोजना में ‘ओबी टू एम-सैंड प्लांट’ की स्थापना और कमीशनिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें लांगवाल और शॉर्टवाल संचालन में सफलतापूर्वक प्रबंधन के लिए 2003 में ‘एसईसीएल सम्मान’ से सम्मानित किया गया। उन्होंने आधिकारिक तौर पर जापान और ऑस्ट्रेलिया का दौरा भी किया है।