जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। कोलकाता में हुई दुनिया की सबसे निर्मम हत्या व बलात्कार की घटना पर डॉक्टरों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि यही हाल रहा तो वे अपनी बेटी-बहन को डॉक्टर के पेशे में नहीं आने देंगे। पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में देशभर के डॉक्टरों का गुस्सा उफान पर है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। इस दौरान आपात सेवाएं जारी हैं, हालांकि ओपीडी बंद रहेंगी और वैकल्पिक सर्जरी को भी टाल दिया जाएगा। आईएमए के इस हड़ताल का असर कई राज्यों में दिखने लगा है। केरल, झारखंड, नगालैंड में डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावित होने की खबरें आईं हैं।
कोलकाता की घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आईएमए के पूर्व पदाधिकारी डॉ.निलम लेखी ने कहा इससे जघन्य हत्या नहीं हो सकती। निर्भया से भी ज्यादा जघन्य हत्या है। उन्होंने कहा मेडिकल प्रोफेशन में सबसे ज्यादा महिलाएं हैं। महिलाएं लोगों को जिंदगी देती हैं। कोलकाता की रेसीडेंट डॉक्टर जिनकी जघन्य हत्या कर दी गई उसकी जांच में ममता सरकार भारी लापरवाही बरत रही है। यदि यही रवैया रहा और केंद्र सरकार डॉक्टरों को सुरक्षा देने में नाकाम रही तो वह दिन दूर नहीं जब डॉक्टर भी अपनी बेटी को इस प्रोफेशन में नहीं आने देंगे।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर आईएमए द्वारा देशव्यापी हड़ताल की घोषणा के बाद, दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने शनिवार को परिसर के अंदर विरोध मार्च निकाला।
डीएमए के महासचिव डॉ. प्रकाश लालचंदवानी कहते हैं कि मेडिकल प्रोफेशन में 65 फीसदी महिलाएं हैं। महिलाएं दिन रात एक करके लोगों की जिंदगी बचाती हैं। कोलकाता की घटना पूरी दुनिया में चर्चित है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार वह कानून लाएगी जिसकी वे मांग कर रहे हैं। बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना पर देशभर में फैले आक्रोश के मद्देनजर आईएमए ने देश के सभी आधुनिक चिकित्सा डॉक्टरों द्वारा 24 घंटे के लिए सेवाएं बंद करने की घोषणा की है।
डीएमए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. सुनील सिंघल ने स्वास्थ्य मंत्रालय के कमेटी बनाने की कवायद पर कहा है कि डीएमए के पदाधिकारियों की बैठक में इसपर मंथन करने के बाद इसपर विचार किया जाएगा। आज पूरे देश में हड़ताल जारी है और जबतक सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है तबतक आंदोलन चलता रहेगा।
डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एलान किया है कि स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावित उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित की जाएगी। राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के प्रतिनिधियों को समिति के साथ अपने सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। मंत्रालय ने व्यापक जनहित और डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए आंदोलनकारी डॉक्टरों से अपने काम पर लौटने का अनुरोध किया है।