जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज देशभर के 21 संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। इसका मिला-जुला असर नजर आ रहा। बिहार की राजधानी पटना में पुलिसकर्मी ने एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर पर ही लाठीचार्ज कर दिया। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने यह फैसला लिया है। भारत बंद के फैसले को देखते हुए सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, बिहार की राजधानी पटना में बंद के दौरान जमकर बवाल देखने को मिला। पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। बिहार के कई और शहरों में बंद समर्थक सड़क पर उतरे। राजस्थान के जयपुर, अजमेर समेत कई इलाकों में भारत बंद का असर नजर आया।
भारत बंद के दौरान बिहार की राजधानी पटना में पुलिसकर्मी ने गलती से एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर पर ही लाठीचार्ज कर दिया। वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में खांडेकर को डंडे से पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं। एसडीएम हैरान रह जाते हैं, जबकि पुलिसकर्मी को उनके साथी ले जाते हैं और उन्हें गलती के बारे में बताते हैं।
पुलिसकर्मी एसडीएम की ओर इशारा करता है और एसडीएम गलती के लिए माफी मांगते हैं। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत होती दिखाई देती है।
बिहार की राजधानी के व्यस्त डाक बंगला चौराहे पर हुई। जेपी गोलंबर चौराहे पर बैरिकेड्स तोड़कर प्रदर्शनकारी डाक बंगला पहुंच गए, जहां स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया गया। इस बीच, भारत बंद या अखिल भारतीय बंद की प्रतिक्रिया काफी हद तक मिली-जुली रही है; इसका अधिकतम प्रभाव बिहार, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में देखा गया। यह बंद सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त के फैसले के खिलाफ ‘आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति’ के आह्वान पर किया गया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की पीठ ने 6:1 के बहुमत से फैसला सुनाया कि राज्य सरकारों द्वारा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के आगे उप-वर्गीकरण की अनुमति दी जा सकती है ताकि इन समूहों के भीतर अधिक पिछड़ी जातियों को कोटा प्रदान करना सुनिश्चित किया जा सके। इसलिए, आयोजक मांग कर रहे हैं कि फैसले को ‘उलट’ किया जाए और केंद्र सरकार फैसले को ‘अस्वीकार’ करे। अन्य मांगें हैं: एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए ‘न्याय और समानता’; आरक्षण पर संसद का नया अधिनियम; केंद्र सरकार की नौकरियों में एससी/एसटी/ओबीसी पर जाति-आधारित डेटा जारी करना; उच्च न्यायपालिका में इन समूहों के लिए 50% प्रतिनिधित्व का लक्ष्य; केंद्र/राज्य सरकार की नौकरियों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में लंबित रिक्तियों को भरना।
राजस्थान में मिलाजुला असर
भारत बंद का राजस्थान में मिलाजुला असर देखने को मिला, जहां बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं।
बिहार के मधुबनी जिले में प्रदर्शनकारियों ने रोकी ट्रेन
मधुबनी में भारत बंद का खासा असर देखा जा राह है। भारत बंद आंदोलन के दौरान मधुबनी रेलवे स्टेशन पर भारत बंद समर्थकों द्वारा जयनगर- समस्तीपुर सवारी गाड़ी तथा समस्तीपुर-जयनगर सवारी गाड़ी को करीब एक घंटे तक रोककर रखा गया। वहीं बंद समर्थकों द्वारा शहर के चभच्चा चौक पर सड़क जाम किया गया।
बिहार के आरा जिले में भारत बंद समर्थकों ने रोकी ट्रेन
बिहार के आरा जिले के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो पर भारत बंद समर्थकों ने सहरसा रानी कमलापति स्पेशल ट्रेन को रोकर विरोध प्रदर्शन किया। आरा के पूर्वी गुमटी के पास भी राजद और सीपीआई माले कार्यकर्ताओं ने ट्रैक पर खड़े होकर गाड़ियों का अवागमन रोकने का प्रयास किया। जमीरा हाल्ट के समीप पटना से पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन जाने वाली ट्रेन कुछ देर खड़ी रही । जिला बल और आरपीएफ जवान हटाने में जुटे रहे।
पटना में बंद के दौरान सिपाही ने SDO पर ही चला दी लाठी
आरक्षण के मुद्दे पर विभिन्न संगठनों के भारत बंद के दौरान डाकबंगला चौराहा पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस क्रम में सदर एसडीओ श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर पर भी एक सिपाही ने लाठी चला दी। पीछे से पीठ पर लाठी लगने पर एसडीओ अवाक रह गए। दरअसल, लाठीचार्ज के दौरान एसडीओ एक डीजे से लगे जनरेटर को बंद करवा रहे थे। उनके साथ कई पुलिस ऑफिसर और जवान भी थे। इसी दौरान पीछे से आए एक सिपाही ने उनकी पीठ पर लाठी मार दी।
झारखंड में दिखा भारत बंद का असर
भारत बंद का असर झारखंड में भी देखने को मिला। बता दें कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति आज एक दिन का भारत बंद कर रही है।
पटना के डिप्टी एसपी ने लाठीचार्ज को लेकर दी सफाई
बिहार की राजधानी पटना के डिप्टी एसपी अशोक कुमार सिंह ने भारत बंद के दैरान हुए लाठीचार्ज को लेकर सफाई दी है। अशोक कुमार सिंह ने कहा, “यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन नहीं था, कानून-व्यवस्था उनके हाथ में थी… आम लोग यात्रा नहीं कर सकते थे और हमने उन्हें (आंदोलनकारियों को) समझाने की कोशिश की। लेकिन वे नहीं समझे। हमें उन्हें पीछे हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा…।”
भारत बंद का झारखंड के चाईबासा में व्यापक असर
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित संगठनों के इस बंद का झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस पार्टी, आदिवासी युवा हो महासभा, आदिवासी हो समाज महासभा, आदिवासी सेवानिवृत्ति संगठन, आदिवासी बुद्धिजीवी मंच, राष्ट्रीय जनता दल भी समर्थन कर रही है।