जनजीवन ब्यूरो / पटना: बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आई है। जेडीयू ने अपनी प्रदेश कमेटी में बड़ा फेरबदल करते हुए शनिवार को नई कमेटी का ऐलान किया। पार्टी ने करीब 15 महीने पहले ही 260 सदस्यों वाली बड़ी कमेटी बनाई थी, जिसे अब भंग करके छोटी कमेटी बनाई गई है। नई कमेटी में 10 उपाध्यक्ष, 49 महासचिव, 46 सचिव, 9 प्रवक्ता और एक कोषाध्यक्ष शामिल हैं। पार्टी ने करीब 185 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है।
शनिवार की सुबह पुरानी कमेटी हुई थी भंग
बता दें कि शनिवार सुबह जेडीयू ने अपनी पुरानी कमेटी को भंग करने की घोषणा की थी। साथ ही, नेताओं को राजनीतिक सलाह देने के लिए बनाई गई सलाहकार समिति को भी भंग कर दिया गया। कुछ ही घंटों बाद नई कमेटी की घोषणा कर दी गई, जिसमें पुराने चेहरों की जगह नए चेहरों को मौका दिया गया है। बता दें कि 23 मार्च 2023 को जेडीयू ने 251 सदस्यों वाली प्रदेश कमेटी का गठन किया था। इसमें 20 उपाध्यक्ष, 105 महासचिव, 114 सचिव और 11 प्रवक्ता शामिल थे। बाद में कुछ और पदाधिकारियों को जोड़ा गया, जिससे कुल संख्या 260 हो गई। आमतौर पर प्रदेश कमेटी का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन 15 महीने बाद ही इसे भंग कर दिया गया।
कइयों को दिखाया गया बाहर का रास्ता
नई कमेटी में पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। पूर्व मंत्री रंजू गीता, लक्ष्मेश्वर राय, जय कुमार सिंह, खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम, वीरेंद्र प्रसाद सिंह, श्याम बिहारी प्रसाद, पूर्व विधायक अशोक कुमार, मुजाहिद आलम, लखन ठाकुर समेत 20 नेता उपाध्यक्ष पद से हटा दिए गए हैं। इसी तरह 105 महासचिवों में से ज्यादातर को हटा दिया गया है और अब सिर्फ 49 महासचिव हैं। पूर्व विधायक मंजीत सिंह जैसे नेताओं को महासचिव पद से हटा दिया गया है।
प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह बने महासचिव
नए उपाध्यक्षों में एमएलसी रविंद्र प्रसाद सिंह, पूर्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी, अजीत चौधरी, पूर्व सांसद महाबली सिंह, पूर्व एमएलसी हारूण रशीद, एमएलसी संजय सिंह, प्रमिला कुमार प्रजापति, अमर कुमार अग्रवाल, वैद्यनाथ सिंह विकल और कलाधर मंडल के नाम शामिल हैं। वहीं, राजद छोड़कर जेडीयू में शामिल हुए पूर्व विधायक रणधीर सिंह को महासचिव बनाया गया है। रणधीर सिंह बाहुबली पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र हैं। लोकसभा चुनाव में राजद से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने जेडीयू का दामन थामा था।