जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के अंदर घमासान जारी है। इसलिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की जा रही है। बताया जाता है कि आरएसएस ने बीजेपी को सलाह दी है कि वर्तमान 60 एमएलए का टिकट काटकर नए उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा जाए। खासकर उन सीटों पर जहां भाजपा पिछले दो चुनावों से जीत दर्ज नहीं कर पाई है। हालांकि, भाजपा जीतने वाले फॉर्मूले पर टिके रहना पसंद कर रही है।
बताया जाता है कि राज्य चुनाव समिति ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक से चार नामों का पैनल तैयार किया है, जिसे अब आगे की छानबीन के लिए आरएसएस के पदाधिकारियों को सौंपा जाएगा। आरएसएस के ये पदाधिकारी उम्मीदवारों के चयन और चुनाव प्रबंधन की निगरानी करेंगे। बता दें कि शुक्रवार को हुई इस बैठक में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और लोकसभा सांसद बिप्लब देब की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, सीएम के प्रतिनिधि नायब सैनी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली, संगठन महामंत्री फणींद्र नाथ शर्मा और अन्य सदस्य शामिल हुए।
आरएसएस ने दिया ये सुझाव
आरएसएस ने अपने आंतरिक सर्वेक्षण और रणनीति के आधार पर अधिकांश सीटों पर नए चेहरों को लाने का सुझाव दिया है, जिसमें कई विधायकों को भी हटाया जा सकता है। दूसरी ओर बीजेपी जीतने की क्षमता वाले उम्मीदवारों पर दांव खेलना चाहती है। 90 विधानसभा सीटों के अपने सर्वेक्षण के आधार पर, संघ ने कम से कम 60 सीटों पर नए चेहरे लाने की सिफारिश की है। खासकर उन सीटों पर जहां भाजपा पिछले दो चुनावों से जीत दर्ज नहीं कर पाई है और लोकसभा चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
जीतो और टिको’ उम्मीदवार एकमात्र मानदंड
बैठक के बाद मोहन लाल बडोली ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट और अन्य प्रक्रियाओं के बाद, लगभग 3,000 संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया गया, जिनमें से पैनल तैयार किए गए हैं। ‘जीतो और टिको’ उम्मीदवार एकमात्र मानदंड हैं। विधायकों और उम्मीदवारों के प्रदर्शन, पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षण में रेटिंग और जिला इकाइयों की राय रिपोर्ट को नामों को अंतिम रूप देने के दौरान मानदंड माना गया।
ज्ञान चंद गुप्ता लड़ना चाहते हैं चुनाव
मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष और पंचकूला से विधायक ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि आरएसएस पिछले चुनावों में सक्रिय था और इन चुनावों में भी उसकी भूमिका वही रहेगी। मैंने चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है। हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए बेताब, आरएसएस और भाजपा संयुक्त रूप से एक साझा रणनीति बनाने के लिए काम कर रहे हैं।